
NTPC Lara Project Negligence : किसानों की जमीन नदी निगल रही है. ये सब कैसे हुआ ? तो बता दें- छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले में स्थित एनटीपीसी लारा परियोजना को शुरू हुए 12 साल पूरे हो चुके हैं. इस परियोजना से 1600 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है, इस परियोजना से क्षेत्र के हज़ारों युवाओं को रोजगार और भू-स्थापितों को मुआवजा व नौकरी मिली है. लेकिन परियोजना के अंतर्गत कोयला परिवहन के लिए बनाए गए रेल मार्ग ने ग्राम बड़माल के किसानों के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है.
नदी की प्राकृतिक धारा अवरुद्ध
NTPC लारा परियोजना शुरू होने से पहले विभिन्न कार्यों के लिए निजी ठेका कंपनियों को काम सौंपा गया था. RKTC ठेका कंपनी को रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बड़माल और एकताल गांव के बीच केलो नदी पर रेलवे पुल बनाने का ठेका मिला. पुल निर्माण के दौरान ठेका कंपनी ने नदी की मिट्टी और चट्टानों को बीच नदी में डंप कर दिया, जिससे नदी की प्राकृतिक धारा अवरुद्ध हो गई. इसके चलते पानी का बहाव एक ओर केंद्रित हो गया और नदी का कटाव तेज हो गया.
'हर साल 5 से 7 डिसमिल भूमि नदी में समा रही '
स्थानीय किसानों का कहना है कि हर साल 5 से 7 डिसमिल भूमि नदी में समा रही है. पिछले 12 वर्षों में 20 से अधिक किसानों की जमीन बह चुकी है. बाढ़ के दौरान स्थिति और गंभीर हो जाती है. कई बार एनटीपीसी प्रबंधन और ठेका कंपनी को शिकायतें की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ये भी पढ़ें- भोपाल में लोकायुक्त से मिले कांग्रेसी, उमंग सिंघार ने पूर्व मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ की जांच की मांग
सवाल : कब होगा समाधान
ग्रामीणों की मांग है कि नदी से मिट्टी और चट्टानों को हटाया जाए ताकि नदी का प्राकृतिक प्रवाह वापस आए और भूमि कटाव रुके. अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले वर्षों में कई और किसानों की जमीन नदी में समा जाएगी. 14 दिसंबर 2024 को एनटीपीसी ने अपना 12वां स्थापना दिवस मनाया, लेकिन स्थानीय किसान अपनी जमीन खोने की चिंता में डूबे रहे. अब देखना यह होगा कि प्रशासन और कंपनी किसानों की इस गंभीर समस्या का समाधान कब और कैसे निकालते हैं.
ये भी पढ़ें- तेलंगाना में 60 के बाद अब बीजापुर में 19 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 10 पर 29 लाख का इनाम