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NDTV की खबर का असर : कोरिया में खुले में फेंके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट की हुई जांच, अधिकारियों ने एक्शन लेने की कही बात

Korea Bio Medical Waste in Open: छत्तीसगढ़ कोरिया जिले में कई दिनों से खुले में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा था. इसको लेकर एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद अधिकारी एक्शन में आए और जांच की. उनका कहना है कि ये काम निजी अस्पतालों का है.

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NDTV की खबर का असर : कोरिया में खुले में फेंके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट की हुई जांच, अधिकारियों ने एक्शन लेने की कही बात
खुले में फेंका जा रहा है बायो मेडिकल वेस्ट

Biomedical Waste in Open: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Korea) जिले में गेज नदी के किनारे खुले में फेंके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट (Bio Medical Waste) को लेकर सीएमएचओ कोरिया (CMHO Koriya) का बड़ा बयान सामने आया. सीएमएचओ ने निजी अस्पतालों (Private Hospitals) के द्वारा खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने की बात कही. दरअसल, कुछ दिन पहले गेज नदी के किनारे खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने को लेकर एनडीटीवी ने ग्राउंड रिपोर्ट (NDTV Ground Reporting) की थी.

एनडीटीवी द्वारा खबर को गंभीरता से दिखाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और जिले के सिविल सर्जन (Civil Surgeon) और सीएमएचओ टीम सहित मौके पर मुआयना करने पहुंचे. बायोमेडिकल वेस्ट के निरीक्षण के बाद सीएमएचओ ने इसे लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एनडीटीवी को दिए अपने बयान में सीएमएचओ ने जिले के निजी अस्पतालों पर बायोमेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने का आरोप लगाया. वहीं, सीएमएचओ के बयान के बाद अब प्रशासन भी निजी अस्पतालों की हर एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए है.

क्यों सामने आ रहे निजी अस्पतालों के नाम?

सीएमएचओ की मानें, तो बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निपटारा नहीं होने के संबंध में जानकारी मिलने पर वह सिविल सर्जन सहित अन्य चिकित्सा कर्मियों की टीम के साथ मौके पर निरीक्षण करने पहुंचे. फेंकी गई दवाइयां और सिरिंज सहित इंजेक्शन आदि की बारीकी से जांच की गई, जिसमें शासन की ओर से सप्लाई होने वाली दवाइयां नहीं पाई गईं. बल्कि महंगे और ब्रांडेड दवाइयों के रैपर और डब्बे फैले हुए मिले. इसके बाद मेडिकल सलाइन आदि की भी जांच करने पर यही मिला. जांच में मिली महंगी दवाइयां और ब्रांडेड इंजेक्शन से जिले के कई बड़े निजी अस्पताल भी अब शक के दायरे में आ गए.

नगर पालिका पर भी उठ रहे हैं सवाल

कोरिया जिले के गेज नदी के किनारे बायो मेडिकल वेस्ट फेंके जाने का मामला लगातार सामने आ रहा है. इसी जगह पर बैकुंठपुर नगर पालिका के द्वारा बड़ी मात्रा में कचरा फेंका जाता है. नगर पालिका द्वारा फेंके जा रहे कचरे के पास हरे, नीले, काले, पीले और लाल प्लास्टिक बैग में बायोमेडिकल कचरा भी पड़ा हुआ मिला. इससे नगर पालिका पर भी निजी अस्पतालों से कचरा लाकर यहां फेके जाने के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन ने मामले को गंभीर तरीके से लिया है और इसमें दोषी अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का मन बना लिया है.

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खुले में क्यों फेंक रहे बायोमेडिकल कचरा?

सामान्य रूप से अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को बायोमेडिकल कचरा कहा जाता है. इसमें डिस्पोजेबल सिरिंज, एक्सपायर दवाइयां, रेडियोएक्टिव कचरा, आदि कई श्रेणियां शामिल होती हैं. इन्हें अलग-अलग रंग के हिसाब से कोड करके सावधानी से डिस्पोज किया जाता है. कचरे के इस तरीके से प्रबंधन और डिस्पोज करने में अस्पतालों को काफी खर्च आता है. निजी अस्पतालों के द्वारा इस खर्च से बचने के लिए बायोमेडिकल कचरा को गुपचुप तरीके से सुनसान इलाकों में फेंक दिया जाता है. जानकारों का मानना है कि निजी अस्पतालों के द्वारा खुले में फेंके जा रहे बायो मेडिकल वेस्ट पर तत्काल लगाम लगाने की आवश्यकता है.

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