
Jal Jeewan Mission In Naxalites Area: “मैं देख नहीं सकती... पर जब नल से पानी गिरने की आवाज सुनती हूं तो मन को बड़ा सुकून मिलता है. ऐसा लगता है जैसे कोई सपना सच हो गया हो."
ये भावनाएं हैं छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के धुर नक्सल प्रभावित गांव कदेर की नेत्रहीन कोसी बाई की.जल जीवन मिशन से घर में नल से जल पहुंचने पर अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त कर रही हैं. उनके पति मुरा राम नुरूटी जो एक पैर से दिव्यांग है, घर पर नल लगने से बेहद खुश है.
वे भावुक होकर कहते हैं “मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि कभी ऐसा दिन आएगा जब अपने ही घर में नल से जल मिलेगा. अब झरिया से पानी लाने की तकलीफ नहीं उठानी पड़ती.खुद के घर में नल से बर्तन में गिरते पानी को देखकर दिल खुश हो जाता है. "
दरअसल जल जीवन मिशन के अंतर्गत कदेर में तीन सोलर पानी टंकियों का निर्माण कर 4700 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है. गांव के हर घर में अब शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है. गांव के अन्य परिवारों की तरह कोसी बाई और मुरा राम के लिए भी जल जीवन मिशन बड़ा बदलाव लेकर आया है. दिव्यांग मुरा राम को गांव में पानी की समस्या के चलते रोज कांवड़ उठाकर झरिया से पानी लाना पड़ता था. चार लोगों के परिवार के लिए प्रतिदिन पानी का इंतजाम उसके लिए बहुत कष्टप्रद था. पर अब जल जीवन मिशन ने उसे इस कष्ट से निजात दिला दी है. अब रोज घर पर ही नल से पर्याप्त जल मिल रहा है.
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योजनाओं ने बदला जीवन
बस्तर अंचल के सुदूर कदेर गांव के कोसी बाई और मुरा राम की यह कहानी बताती है कि जल जीवन मिशन कैसे लोगों का जीवन बदल रहा है. हर घर के आंगन तक पहुंच रही पानी की धार ने रोज की एक बड़ी चिंता से मुक्ति दे दी है. उनकी कहानी यह भी बताती है कि जब योजनाएं प्रभावी तरीके से धरातल पर उतरती हैं, तो लोगों का जीवन बदल देती हैं.
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