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This Article is From Sep 21, 2024

नक्सली हिंसा से पीड़ितों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात, बस्तर वासियों ने रखी अपनी बात

CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से आए नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली में शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. राष्ट्रपति भवन में बस्तर वासियों ने अपनी बात राष्ट्रपति के सामने रखी है. 

नक्सली हिंसा से पीड़ितों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात, बस्तर वासियों ने रखी अपनी बात
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नक्सली हिंसा से पीड़ितों ने की मुलाकात, राष्ट्रपति भवन में बस्तर वासियों ने किया संवाद.

CG News In Hindi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में छत्तीसगढ़ के बस्तर से आए नक्सल प्रभावित लोगों से मुलाकात की . शनिवार को राष्ट्रपति भवन में हुई इस खास मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने अपनी बात रखी है. राष्ट्रपति ने कहा-कोई भी उद्देश्य हिंसा के रास्ते पर चलने को उचित नहीं ठहरा सकता, जो हमेशा समाज के लिए बहुत महंगा साबित होता है. इस दौरान बस्तर शांति समिति के दल के साथ आए बच्चों को राष्ट्रपति ने अपने हाथों से चॉकलेट भी दिया.

तीन दिनों में इन-इन जगहों पर गए हैं ये पीड़ित

बस्तर शांति समिति के नक्सली पीड़ित कर्तव्य पथ पर चलने का संकल्प लिया है. बता दें तीन दिन पहले बस्तर के सात जिलों के 55 नक्सल प्रभावित दिल्ली पहुंचे थे. शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद शनिवार को नक्सल प्रभावितों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. बस्तर से आए इस दल में ऐसे कई सदस्य हैं, जो आईडी ब्लास्ट में दिव्यांग हो चुके हैं.  कोई अपना एक हाथ तो कोई एक पैर और कोई आंखों की रोशनी खो चुका है. नक्सल हिंसा से पीड़ित दल के लोग तीन दिन से दिल्ली में अलग-अलग जगह पर जाकर अपना दर्द साझा किए हैं . वहीं, जंतर-मंतर के धरना स्थल पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए थे.ये दल कांस्टीट्यूशन क्लब और जेएनयू भी पहुंचा था.
 

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शांति के रास्ते पर चलने का प्रयास करें

चित्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बस्तर से आए नक्सल पीड़ितों से संवाद करती हुईं.

चित्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बस्तर से आए नक्सल पीड़ितों से संवाद करती हुईं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- उग्रवादियों को हिंसा का त्याग करना चाहिए. नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए, और वे जो भी समस्याएं उजागर करना चाहते हैं, उन्हें हल करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.यही लोकतंत्र का रास्ता है, और यही रास्ता महात्मा गांधी ने हमें दिखाया था. हिंसा से त्रस्त इस दुनिया में हमें शांति के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए.

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