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इस ‘चक्रव्यूह’ में फंस गए 60 नक्सली! जवानों की ‘बड़ी ट्रिक’ से एक के बाद एक ऐसे ढेर होते गए 27 माओवादी

Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 27 माओवादी मारे गए. यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से किया गया था. इस ऑपरेशन में नक्सलियों के कई बड़े नेता भी मारे गए हैं. यह छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.

इस ‘चक्रव्यूह’ में फंस गए 60 नक्सली! जवानों की ‘बड़ी ट्रिक’ से एक के बाद एक ऐसे ढेर होते गए 27 माओवादी

Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. मुश्किल रास्तों और पहाड़-बिहड़ों की चुनौतियों को पार करते हुए जंगल के रग-रग से वाकिफ खूंखार नक्सलियों को जवानों ने जोरदार झटका दिया है. फोर्स ने 27 नक्सलियों को मार गिराया है. इनमें से 15 के शव और हथियार मिल चुके हैं. इस दौरान 1 करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया. आखिर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), छत्तीसगढ़ से कोबरा और ओडिशा से विशेष अभियान समूह (एसओजी) के सुरक्षाकर्मियों को इतनी बड़ी सफलता कैसे मिली? 

दरअसल, ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से महज 5 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के कुल्हाड़ी घाट रिजर्व वन में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर 19 जनवरी की रात को अभियान शुरू किया गया था. अधिकारी ने बताया कि सोमवार को अभियान के दौरान दो महिला नक्सलियों को मार गिराया गया और मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और आईईडी बरामद किए गए, जिसमें एक सेल्फ-लोडिंग राइफल भी शामिल है. इसके बाद छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर ही मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत भालू डिग्गी में सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें 20 से ज्यादा नक्सली मारे गए. 

जंगल, पहाड़... कोई रास्ता नहीं

भालू डिग्गी जंगल का यह इलाका बेहद दुर्गम है. यहां पहाड़ है और कोई रास्ता नहीं है. पहाड़ में 3 किलोमीटर सीधी चढ़ाई के बाद जवानों का सामना करीब 60 नक्सलियों से हुआ. पहले फोर्स ने 15-20 किलोमीटर के इलाके को घेर कर रखा था. वहीं अब नक्सली 3 किलोमीटर के दायरे में सिमट गए हैं. भालू डिग्गी के जंगल में 1000 जवानों ने करीब 60 नक्सलियों को घेर रखा है. वहीं जानकारी है कि 200 जवानों की बैकअप पार्टी भेजी गई है और साथ ही ड्रोन से नजर रखी जा रही है. इस मुठभेड़ में एक जवान घायल हुआ है, जिसे एयरलिफ्ट करके रायपुर लाया गया. SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) जवान के पैर में गोली लगी है. 

इस ट्रिक के आगे नक्सली पस्त 

जानकारी के अनुसार, जवानों ने जहां अपनी बहादुरी से नक्सलियों को बड़ा झटका दिया, वहीं इस मुठभेड़ में उनकी सूझबूझ और तकनीक के इस्तेमाल ने माओवादियों को उनके गढ़ में ढेर कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जवानों ने ड्रोन का इस्तेमाल किया. यह नक्सलियों को निशाना बनाने में काफी मददगार साबित हुआ. लिहाजा न सिर्फ बड़ी तादाद में नक्सली कैडर मारे गए बल्कि उनके बड़े लीडर भी ढेर हुए. गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने बताया कि मृतकों में से एक की पहचान जयराम उर्फ चलपति के रूप में हुई है, जो भाकपा (माओवादी) का केंद्रीय समिति सदस्य था और उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था. 

आस पास के इलाकों में हाई अलर्ट

छत्तीसगढ़ के कुल्हाड़ी घाट कैंप के पास सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलाया है, जिसमें 24 नक्सली मारे गए हैं. इस मुठभेड़ में 1 करोड़ का इनामी नक्सली जयराम और 25 लाख का इनामी नक्सली गुड्डू भी मारा गया. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 20 की मौत की पुष्टि हुई है. यह मुठभेड़ लगभग 40 घंटे से चल रही है, और आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. कुल्हाड़ी घाट से 5 किलोमीटर दूर भालू डिग्गी के आस-पास डॉग स्क्वाड भी चेकिंग पॉइंट पर मौजूद है. 

नक्सलवाद को करारा झटका 

गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, "नक्सलवाद को एक और करारा झटका. हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की. सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया. नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से आज नक्सलवाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है." 

‘छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक इस खतरे से छुटकारा पा लेगा'

सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के तहत छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक इस खतरे से छुटकारा पा लेगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने के प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री के संकल्प को मजबूत करते हुए सुरक्षा बल लगातार सफलता हासिल कर रहे हैं और लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, "जवानों की यह सफलता सराहनीय है. मैं उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं." इस साल छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 40 नक्सली मारे गए हैं. 16 जनवरी को बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया था. बाद में माओवादियों ने एक बयान में स्वीकार किया कि 16 जनवरी की मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए थे. पिछले साल छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 219 नक्सलियों को मार गिराया था. 

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