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Chhattisgarh में मानसून की एंट्री: प्यासे किसान-जलाशयों को बारिश का इंतजार, आसमान की ओर लगा रहे टकटकी

Monsoon Update Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री हो चुकी है. प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है. हालांकि कोरिया में बारिश की एंट्री अभी नहीं हैं ऐसे में जिले के प्यासे किसानों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है.

Chhattisgarh में मानसून की एंट्री: प्यासे किसान-जलाशयों को बारिश का इंतजार, आसमान की ओर लगा रहे टकटकी

Monsoon 2024 arrives in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री हो चुकी है. प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है. हालांकि कोरिया (Koriya) में यह 20 जून के बाद ही दस्तक देगा. जिले के प्यासे जलाशयों को बारिश का बेसब्री से इंतजार है. कोरिया जिले में जल संसाधन विभाग की 52 सिंचाई परियोजनाएं हैं. इनमें 50 जलाशयों की स्थिति चिंताजनक है. वहीं एमसीबी जिले में करीब 17 बांध हैं. इनमें भी पानी 60 फीसदी से ज्यादा कम हो चुका है.

किसानों को बारिश का इंतेजार

जलाशयों में पानी नहीं होने के कारण जिले के ज्यादातर किसान केवल मानसून पर आधारित धान की फसल ही ले पा रहे हैं. जल संसाधन विभाग का कहना है कि बारिश से जलाशयों के रिचार्ज होने में दो महीने से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में मानसून की शुरुआत अच्छी बारिश से नहीं हुई तो आगे मुश्किल बढ़ सकती है.

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प्यासे जलाशयों को भी बारिश का है इंतजार

कोरिया व एमसीबी जिले के 69 लघु जलाशयों की स्थिति को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी चिंतित हैं. हालांकि इसमें खड़गवां के बरदर और उधनापुर बांध की स्थिति कुछ हद तक ठीक बताई जा रही है. दोनों बांध में वर्तमान में 50 फीसदी से अधिक पानी है. इधर, कोरिया जिले के मध्यम सिंचाई परियोजना गेज बांध में अप्रैल महीने में 30 फीसदी पानी मौजूद था, लेकिन मई माह बीतने के साथ पानी घटकर 6.33 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) यानी 26 फीसदी पर आ गया है.

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जुलाई में अच्छी बारिश नहीं हुई तो बढ़ सकती है मुश्किलें

बांध में घटते जलभराव का असर आसपास के गांवों के भू-जलस्तर पर होने लगा है. पीएचई के अनुसार, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 150 से 200 फीट तक जल स्तर घट चुका है. इसमें सबसे अधिक खराब स्थिति खड़गवां क्षेत्र की है. यहां कई बोर से पानी नहीं आ रहा है. कोरिया जिला मुख्यालय के गेज बांध में पानी नहीं होने के कारण इस साल धान की खेती के लिए भी किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा. बारिश में देरी होने पर किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि बांध में अभी पर्याप्त पानी उपलब्ध है. गेज से सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. ऐसे में पेयजल को लेकर शहरी क्षेत्र बैकुंठपुर और चरचा कॉलरी में दिक्कतें नहीं आएगी, लेकिन जुलाई में अच्छी बारिश नहीं हुई तो आगे मुश्किल बढ़ सकती है.

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जिले के 50 फीसदी जलाशयों में 10 से 15 प्रतिशत ही पानी शेष

जल संसाधन विभाग के ईई अगस्तिन टोप्पो ने कहा कि कोरिया जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा 52 सिंचाई परियोजना निर्मित हैं. मध्यम सिंचाई परियोजना गेज में 26 व झुमका में 65 फीसदी पानी है, जबकि अन्य 50 सिंचाई परियोजनाओं में पानी कम हो गया है. वहीं करीब 50 फीसदी जलाशयों में 10 से 15 फीसदी ही पानी बचा हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस बार 1-1.5 प्रतिशत पानी कम हुआ है.

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