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This Article is From May 21, 2024

कवर्धा हादसे में मृतकों के परिजनों का दर्द बांटने पहुंचीं विधायक, बच्चों के लिए किया ये बड़ा ऐलान

Chhattisgarh Accident News Today : विधायक भावना बोहरा ने आज मृतकों के परिवारजनों से उनके निवास जाकर भेंट किया और उन्हें ढांढस बंधाया. इस दौरान भावना बोहरा बहुत ही भावुक दिखीं उन्हें देखकर हताहत परिवारजनों ने भी गले लगाकर अपनी पीड़ा व्यक्त की.

कवर्धा हादसे में मृतकों के परिजनों का दर्द बांटने पहुंचीं विधायक, बच्चों के लिए किया ये बड़ा ऐलान
कवर्धा हादसे में मृतकों के परिजनों का दर्द बांटने पहुंचीं विधायक, बच्चों के लिए किया ये बड़ा ऐलान

Kawardha Road Accident : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा में सोमवार को भीषण सड़क हादसे (Kawardha Road Accident) से कोहराम मच गया. यहां एक पिकअप पलटने से 19 मजदूरों की मौत हो गई. इनमें से 18 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी जबकि एक महिला ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. पंडरिया विकासखण्ड के कुकदूर में घटी दुर्घटना में जिन 19 आदिवासियों की मौत हो गई. अब विधायक भावना बोहरा ने परिवार के बच्चों को गोद लेने का ऐलान किया है. दरअसल, विधायक भावना बोहरा ने आज मृतकों के परिवारजनों से उनके निवास जाकर भेंट किया और उन्हें ढांढस बंधाया. इस दौरान भावना बोहरा बहुत ही भावुक दिखीं उन्हें देखकर हताहत परिवारजनों ने भी गले लगाकर अपनी पीड़ा व्यक्त की.

क्या बोलीं विधायक भावना

यह बहुत ही दुखद व पीड़ादायक घटना है. जब परिवार का एक सदस्य जाता है तो जो पीड़ा होती है... उसकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती. बीते समय में इस इलाके के आदिवासी भाई-बहनों ने हमेशा ही मुझे एक परिवार की तरह स्नेह व सहयोग दिया है. आज यहां इस दुख की घड़ी में, मैं उन सभी परिवारजनों के साथ हूं इसलिए हमने फैसला लिया है कि इस हादसे में जिन बच्चों के सिर से परिजनों का साया उठ गया हैं, जिनके माता-पिता ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है उनके परिजन की भूमिका हम निभाएंगे.

भावना बोहरा

पांडरिया विधायक

बेसहारा बच्चों का सहारा बनेंगी विधायक

भावना बोहरा ने बताया कि हादसे में दिवंगत हुए 19 लोगों के करीब 24 बेटा-बेटियों के आगे की शिक्षा, उनके रोजगार एवं विवाह तक कि सारी जिम्मेदारी वे खुद अपने भावना समाजसेवी संस्थान के माध्यम से उठाएंगी. पंडरिया विधानसभा मेरा परिवार है और जब परिवार पर विपदा आती है तो उनके दुख में उनके साथ रहना मेरी जिम्मेदारी भी है और कर्तव्य भी. मैं उनके परिजनों की कमी तो पूरी नहीं कर सकती लेकिन उनके सुरक्षित भविष्य के लिए प्रयास जरूर कर सकती हूं इसलिए हमने यह फैसला लिया है. जानकारी के लिए बता दें कि ये हादसा उस वक्त हुआ, जब सभी लोग तेंदूपत्ता तोड़कर वापस लौट रहे थे.

क्या तेंदूपत्ता ने ले ली मासूम लोगों की जान!  

सिमराह गांव की महिलाओं और बच्चों के मौत का असल कारण कही न कही तेंदूपत्ता बना.. दरअसल, इस गांव के लोगों को सरकार ने 3000 बोरा तेंदूपत्ता जमा करने का लक्ष्य दिया था. गांव के लोगों ने अब तक कुल 2205 बोरे पत्ते जमा कर भी लिए थे. इसी काम के लिए हर दिन की तरह सोमवार को भी गांव के 35 लोग एक पिकअप में मैकल पहाड़ी इलाके में गए थे. तेंदूपत्ता जमा करने के बाद पिकअप में अपने साथ लेकर वापस आ रहे थे कि तभी पिकअप 35 फुट गहरे गड्ढे में ऐसे गिरा कि मौके पर ही 19 महिलाओं और छोटे बच्चों की मौत हो गई.. पिकअप में पुरुष भी थे, लेकिन गड्ढे में गिरने से पहले ही सभी पिकअप से बाहर कूद गए थे.

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