
Chhattisgarh Hindi News: गरियाबंद जिले के डुमरबहाल से मानकीगुड़ा तक की सड़क अब सड़क नहीं रही. बरसात ने इसे ऐसा दलदल बना दिया है कि लोगों का गुजरना मुश्किल ही नहीं, खतरनाक हो गया है. हर दिन कोई न कोई फिसलता है, गिरता है, घायल होता है. वहीं, प्रशासन हमसे आश्वासन ही देता रहता है.
इसी थक-हार और नाराजगी के बीच गांव के युवक विवेकानंद यादव ने एक अनोखा तरीका अपनाया. उसेने गड्ढों और कीचड़ से भरी सड़क पर धान के पौधे रोप दिए. खेत की तरह रोपनी करने के बाद उसने कहा कि कम से कम अब जो गिरेगा, वह किसी फसल का हिस्सा बनेगा.
यह विरोध का तरीका पूरे जिले में चर्चा का विषय है. वायरल हुई तस्वीरों में विवेकानंद कीचड़ में खड़े हैं, पीछे पानी भरी सड़क और उसमें धान के हरे पौधे लहराते दिखते हैं.
नेता आकर वादा करके हो जाते हैं गायब
गांव वालों की मानें तो ये सड़क पिछले कई सालों से ऐसी ही है. नेता आते हैं, वादा करते हैं, चुनाव जीतने के बाद नहीं लौटते. गांव की महिलाएं कहती हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों को हर दिन गिरने का डर रहता है. कई बार तो बीमारों को ले जाते वक्त सड़क पर ही फिसलना पड़ता है.
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