विज्ञापन
Story ProgressBack

जादुई कलम! शोधपीठों में कोई नहीं फिर भी छप गईं 3 किताबें, MLA ने कहा-मैं उस विद्वान के पैर छूना चाहता हूं

Chhattisgarh Assembly: सदन में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- छत्तीसगढ़ की विभूतियों के नाम पर शोधपीठ बनाये गए हैं. लेकिन पिछले 5 सालों की सरकार ने कोई काम नहीं कराया. हालांकि जो किताबे लिखी गई हैं. वे किताबे जादू से ही लिखी गई हैं. हम पता करेंगे यह कैसे हुआ?

जादुई कलम! शोधपीठों में कोई नहीं फिर भी छप गईं 3 किताबें, MLA ने कहा-मैं उस विद्वान के पैर छूना चाहता हूं

Chhattisgarh Assembly News: छत्तीसगढ़ में शोधपीठों के संचालन का मामला छत्तीसगढ़ की विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में शुक्रवार को जमकर गूंजा. सदन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक (MLA) अजय चंद्राकर ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों (Universities of Chhattisgarh) में शोधपीठों की संख्या और उनके अध्यक्षों की जानकारी मांगी थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि कितने शोधपीठो में अध्यक्ष के पद रिक्त है? अध्यक्षों को मिलने वाली सुविधाएं कौन कौन सी है? शोधपीठों की स्थापना क्या उद्देश्य था? इसका जवाब प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Chhattisgarh Education Minister Brijmohan Agrawal) ने दिया. इस दौरान बड़ी ही रोचक बातें सामने आईं.

जवाब में कहा गया?

विधायक के सवालों पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि शोधपीठों के गठन के उद्दश्य पूरे नहीं हुए हैं. छत्तीसगढ़ के महापुरुषों (Great Men of Chhattisgarh) के जीवन पर शोध करके, उनकी जानकारी लोगों को दी जा सके, इसके लिए इसका गठन किया गया था. जबसे ये पीठ बने हैं तब से इनमें पद रिक्त हैं.

यहां पर अजय चंद्राकर ने कहा - जब इन विद्यापीठों में पद रिक्त है. तो इनको 146 करोड़ रुपए क्यों दिए गए. कोई काम नहीं हो रहा था तो अनुदान राशि इनको क्यों दी गई. 

इसका जवाब देते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह राशि विश्विद्यालयों को दी गई है. शोधपीठों को कोई अनुदान नहीं दिया गया है.

अजय चंद्राकर ने कहा - संत कबीर के नाम से 3 किताबें छप गई हैं, जबकि इन शोधपीठों में कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं है. तो यह किताब कैसे लिख गई? बिना खर्च के किताबे लिखने वाले को सदन में बुलाया जाए, उस विद्वान के चरण स्पर्श करना चाहता हूं. 

इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- पिछले 5 सालों में शोधपीठो में किसी भी प्रकार का काम नहीं हुआ है. जिन्होंने किताब लिखी है, उनके खर्चे का कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है. 

इस मामले में अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल के बीच सवाल-जवाब का लंबा दौर चला. कुल मिलाकर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- छत्तीसगढ़ की विभूतियों के नाम पर शोधपीठ बनाये गए हैं. लेकिन पिछले 5 सालों की सरकार ने कोई काम नहीं कराया. हालांकि जो किताबे लिखी गई हैं. वे किताबे जादू से ही लिखी गई हैं. हम पता करेंगे यह कैसे हुआ?

यह भी पढ़ें :

** PM मोदी कल 'विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़' को करेंगे संबोधित, मिलेगी ₹34,400 करोड़ से अधिक की सौगाते

** अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल: सोनोग्राफी के लिए गर्भवती को कराया इंतजार, खुले छत में पैदा हुआ मृत बच्चा

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
बारिश में सब कुछ हुआ तहस-नहस ! एक टीके के लिए पार करनी पड़ रही नदी
जादुई कलम! शोधपीठों में कोई नहीं फिर भी छप गईं 3 किताबें, MLA ने कहा-मैं उस विद्वान के पैर छूना चाहता हूं
13 Years Old Girl Gang Raped After Midnight Threat Crime News in Hindi Chhattisgarh Bilaspur
Next Article
नशे की हालत में 13 साल की लड़की से गैंगरेप, रात को 2 बजे भेजा था ये मेसेज
Close
;