Hooter in Korba MP's Son's Car: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर तमाम राजनीतिक दल प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. इस बीच प्रत्याशी व नेता नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. इनके अलावा नेताओं के करीबी भी वीवीआईपी ट्रीटमेंट ले रहे हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बैकुंठपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. कोरबा सांसद और कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी ज्योत्सना महंत (Jyotsna Mahant) के बेटे सूरज महंत (Suraj Mahant) हूटर लगे कार से जनसंपर्क करते दिखे. सूरज महंत सोमवार देर शाम कोरिया जिले के चरचा कालरी क्षेत्र में पहुंचे, जहां गाड़ी पर हूटर लगे होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हूटर के लिए परमिशन है. ऐसा नहीं है कि बाकी गाड़ियों में हूटर नहीं लगा होता.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर सवाल पूछने पर सूरज महंत ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि हूटर लगाना गलत है. वे हूटर को जल्द ही गाड़ी से हटवा देंगे. वहीं इस मामले में सूरज महंत का बचाव करने बैकुंठपुर की पूर्व विधायक अंबिका सिंहदेव (Former MLA Ambika Singh Deo) सामने आईं. पूर्व विधायक ने शहर की कई गाड़ियों पर हूटर लगे होने की बात कही. वहीं पूर्व विधायक ने अच्छे से रिकॉर्ड करने की बात कहते हुए भी अपनी नाराजगी जाहिर की. कोरिया जिले में अन्य पंचायत के जनप्रतिनिधियों की गाड़ी में भी हूटर लगा हुआ है.
कोरबा में नियमों की उड़ती धज्जियां
बता दें कि तेजी से आते हूटर या सायरन की आवाज आमजन को चौकन्ना कर देती है, लेकिन जब हम देखते हैं कि यह सायरन किसी इमरजेंसी गाड़ी के लिए नहीं बल्कि नेताओं के करीबी ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो जनता को परेशानी होती है. ऐसा कोरबा शहर के करीब हर हिस्से में हो रहा है. शहर की सड़कों पर दौड़ते वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न, हूटर और सायरन लोगों के लिए परेशानी बने हुए हैं. कोरिया जिले में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक हूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. गाड़ियों में लगे हूटर पर सवाल पूछने पर वे गोलमोल जवाब देते हैं.
यह है गाइडलाइन
बता दें कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइंस में इसके तीन स्तर निर्धारित किए हैं. वहीं हूटर या सायरन वाहन में लगाना पूरी तरह से बैन किया गया है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है. हूटर और सायरन का इस्तेमाल इमरजेंसी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी, पुलिस और एम्बुलेंस ही कर सकते हैं. इन्हें भी हर समय सायरन और हूटर बजाने का अधिकार नहीं है. एम्बुलेंस में मरीज होने पर ही सायरन और हूटर बजाया जा सकता है.
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