छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के कलेक्टर ने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान स्कूली बच्चों के साथ समय बिताया और उनकी क्लास ली. कलेक्टर विनय कुमार प्राइमेरी स्कूल में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बच्चों से पूछा कि आप में से कौन-कौन 1 से लेकर 50 तक गिनती सुना सकता है? एक बच्चे से जवाब आया, 'सर, मेरा नाम गोपाल है. मैं गिनती सुनाता हूं', और इस तरह गोपाल ने बिना रूके गिनती सुनाईं.
कलेक्टर ने बच्चों की क्लास ली
कलेक्टर ने बच्चों से पूछा, 'किसको 2 का पहाड़ा याद है?' तो क्लास के लगभग सभी बच्चों ने हाथ उठाकर हामी भर दी. फिर रवि नामक छात्र ने खड़े होकर 2 का पहाड़ा सुनाया बल्कि उसने 3 का पहाड़ा भी सुनाया. इसी तरह छात्रा कुमारी अर्पिता ने A से लेकर Z तक अल्फाबेट आंख बंद करके सुना दिए. कलेक्टर ने ब्लैक बोर्ड में जोड़ का सवाल लिखा तो कुमारी आरूषि ने चॉक लेकर सही उत्तर लिख दिया. इस पर कलेक्टर ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जितना जरूरी भोजन है, उतनी ही जरूरी पढ़ाई-लिखाई है और इसके साथ में खेलकूद भी करना चाहिए.
बच्चों का बताया शिक्षा का महत्त्व
पहली कक्षा के बाद कलेक्टर ने पांचवीं क्लास की तरफ रुख किया. वहां जाकर पूछा कि आप लोगों को कौन सा विषय अच्छा लगता है? तो ज्यादातर बच्चों ने गणित और हिन्दी विषय में अपनी दिलचस्पी बताई. फिर छात्र रवि से अपने माता का नाम अंग्रेजी में लिखने को कहा. इस पर रवि ने अपनी माता का नाम लिखते समय स्पेलिंग गलत कर दी, तब कलेक्टर ने कॉपी में सही नाम लिखकर बताया. छात्र शुभम को 16 का पहाड़ा सुनाने को कहा तो उसने बेधड़क बिना रूके पहाड़ा सुना दिया और इस तरह बच्चों ने कलेक्टर का दिल जीत लिया. कलेक्टर विनय ने बच्चों से कहा, 'घर जाने के बाद पुस्तक खोलकर जरूर पढ़ें, कॉपी में लिखते चलें और हां, अंग्रेजी को खूब ध्यान से पढ़ें.'
मिड डे मील की गुणवत्ता भी परखी
इसके बाद कलेक्टर ने स्कूली बच्चों के लिए तैयार किए गए मिड-डे मील में भोजन किया और उसकी गुणवत्ता भी परखी. कलेक्टर ने प्रिंसिपल को निर्देशित किया कि रोजाना आने वाले खाने-पीने की सामग्री का लेखा-जोखा तैयार किया जाए. साथ ही कलेक्टर ने पेयजल, शौचालय के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने बीईओ को निर्देशित किया कि स्कूल में साफ-सफाई तथा गुणवत्तायुक्त भोजन ही तैयार करें. रसोइयों से कहा कि साफ बर्तनों में खाना पकाएं और परोसें. खुद के हाथ साफ रखें और बच्चों को हाथ साफ करके भोजन उपलब्ध कराएं. साथ ही कक्षा में बच्चों की नियमित रूप से हाजिरी दर्ज हो.
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