![Korba Lok Sabha Result 2024: कोरबा लोकसभा सीट पर सरोज दीदी पर भारी पड़ी ज्योत्सना भाभी, ये रही बड़ी वजह? Korba Lok Sabha Result 2024: कोरबा लोकसभा सीट पर सरोज दीदी पर भारी पड़ी ज्योत्सना भाभी, ये रही बड़ी वजह?](https://c.ndtvimg.com/2024-06/4447sfp_saroj_625x300_04_June_24.jpg?downsize=773:435)
High Profile Seat Korba: छत्तीसगढ़ के तेज तर्रार नेता और कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरोज पांडेय (Saroj Pandey) की राजनीतिक यात्रा कीर्तिमानों से भरा है. उनके नाम गिनीज बुक में इतने रिकॉर्ड दर्ज हैं कि कोई भी उनसे रश्क कर सकता है. लेकिन ऐसा शायद पहली बार होगा जब डा. सरोज पांड़े को झटका लगने जा रहा है.
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डा. सरोज पांडे ने कोरबा लोकसभा चुनाव से नया कीर्तिमान रचा
लोकसभा चुनाव 2024 में कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रहीं दीदी सरोज पांड़े को निवर्तमान सांसद ज्योत्सना मंहत मात देने जा रही है. हालांकि अभी अंतिम परिणाम घोषित नहीं हुआ है, लेकिन सरोज पांडे निकटतम प्रतिद्वंदी ज्योत्सना मंहत से 23,000 से अधिक वोटों से पीछे चल रही हैं.
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में 10 सीटों पर भाजपा ने बनाई है अजेय बढ़त
दुर्ग नगर निगम महापौर से लेकर राज्यसभा सासंद का सफर तय कर चुकी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज पांडे का रिकॉर्ड अभी कोई नहीं तोड़ पाया है. एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक छ्त्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में 10 सीटें भाजपा के खाते में जाने का अनुमान है, यह मतगणना में नजर भी आया है, लेकिन कोरबा लोकसभा सीट पर सरोज पांडे हार रही हैं.
डॉ.सरोज पांडेय एक साथ महापौर, विधायक और सांसद रह चुकी हैं
एक साधारण परिवार से आने वाली सरोज पांडेय बेहद ही कम उम्र में ही राजनीति में बड़ा कारनामा करने पहली महिला के रुप में शुमार हो चुकी है. डॉ.सरोज पांडेय एक साथ महापौर, विधायक और सांसद रह चुकी हैं. सरोज पांडे का यह रिकॉर्ड गिनीज और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
10 सालों तक महापौर रहीं सरोज पांडे 2008 पहली बार विधायक चुनी गईं
कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय रहीं सरोज पांडेय का जन्म दुर्ग जिले में हुआ था और दुर्ग जिले सक्रिय रहते हुए भाजपा में आ गईं. 10 सालों तक महापौर रहीं सरोज पांडे 2008 पहली बार विधायक चुनी गईं. वैशाली नगर निगम से पहली बार विधायक चुनी गई सरोज पांड़े मे साल 2009 में दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं
2013 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं डा. सरोज पांडे
साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी द्वाका महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्ति की गईं डा. सरोज पांडे को दोबारा साल 2014 दुर्ग लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार सरोज पांडे की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. हर बार किस्मतों से रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड दर कायम करती आ रहीं मौजूदा राज्यसभा सरोज पांडे को कांग्रेस प्रत्याशी ने हराया.
2018 में पहली बार राज्यसभा सासंद चुनी गईं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे
साल 2018 छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बनीं डा.सरोज पांडे का राज्यसभा कार्यकाल चूंकि 2024 में समाप्त होने को हैं, ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर सरोज पांडे को लोकसभा टिकट देकर कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर भेजा. चूंकि कांग्रेस की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत महिला कैंडीडेट हैं,तो सरोज पांडे को उतार कर बीजेपी ने गेम खेल दिया.
दीदी और भाभी की लड़ाई में फिर सरोज पांडे को मिली हार
कोरबा से मौजूदा सांसद ज्योत्सना मंहत को कोरबा में लोग भाभी कहकर पुकारते है, जबकि भाजपा प्रत्याशी डा. सरोज पांडे को दीदी कहकर पुकारा जा रहा है. ऐसे में कह सकते हैं कि कोरबा लोकसभा सीट पर इस चुनाव में भाभी बनाम दीदी की लड़ाई में जीत ज्योत्सना भाभी के खाते में जा रही है.
छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में है सांसद सरोज पांडेय की पूरी पकड़
एमएसी (बाल विकास) की डिग्रीधारी सांसद सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ की सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में उनकी पूरी पकड़ है.वर्तमान में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय ने मेयर, विधानसभा सदस्य और लोकसभा सदस्य औऱ राज्यसभा सदस्य का चुनाव जीता तो फिर एक अनूठा रिकॉर्ड कायम किया है
8 विधानसभा क्षेत्रों वाले कोरबा सीट पर 6 सीट पर है भाजपा का कब्जा
माना जाता है कि कोरबा लोकसभा का एक बड़ा हिस्सा सरगुजा संभाग से जुड़ा हैं, जो 8 विधानसभा क्षेत्रों क्रमशः भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही मिलकर बना है. इन आठ में से भाजपा के पास छः विधानसभा सीटें हैं. ऐसे में उम्मीद थी कि सरोज पांड़े की नैया कोरबा में पार लग जाएगी, लेकिन कड़ी टक्कर के बीच डा सरोज पांडे कोरबा सीट पर विजय पताका नहीं फहरा सकीं..
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