छत्तीसगढ़ में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनितिक दलों ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करना भी शुरू कर दिया है. इस बीच भाजपा की पहली सूची में खैरागढ़ विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के भांजे विक्रांत सिंह को भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया है, जिसके बाद से राजनीतिक सरगर्मी तेज है. खैरागढ़ विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा विजय हुई थीं, जिसके बाद खैरागढ़ को जिला घोषित किया गया था.
ये भी पढ़ें- ''यही विपक्षी गठबंधन इंडिया का असली चेहरा है'' : सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणियों पर सिंधिया
खैरागढ़ विधानसभा सीट है बेहद अहम
खैरागढ़ विधानसभा सीट महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. वर्तमान में कांग्रेस से खैरागढ़ विधानसभा सीट से यशोदा वर्मा विधायक है. खैरागढ़ के पूर्व विधायक स्वर्गीय देवव्रत सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी, जिसके बाद खैरागढ़ को जिला घोषित किया गया था. खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नवीन जिला की घोषणा की गई थी.
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के भांजे राजनांदगांव जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.
जानें कौन हैं विक्रांत सिंह
विक्रांत सिंह नगर पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष और वर्तमान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं और भाजपा के कई पदों पर रह चुके हैं. पिछले तीन चुनावों से विक्रांत सिंह की तरफ टिकट के लिए दावेदारी की जा रही थी. लेकिन इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मौका दिया गया है. भाजपा ने विक्रांत सिंह को प्रत्याशी बनाया है. खैरागढ़ विधानसभा सीट लोधी बाहुल्य सीट है, जहां लोधी समाज की संख्या अधिक है, लेकिन इस बार भाजपा ने जातिगत समीकरण को न देखते हुए विक्रांत सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भी तय किए 31 नाम, 8 सितंबर को पहली लिस्ट का ऐलान संभव
विक्रांत सिंह को खैरागढ़ विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विपक्षी दलों की तरफ से भाजपा को घेरा जा रहा है. परिवारवाद के मुद्दे पर भी बातें सामने आ रही हैं. विक्रांत सिंह की तरफ से पिछले चुनाव में भी दावेदारी के लिए दम भरा गया था, लेकिन उन्हें इस बार भाजपा की तरफ से मौका दिया गया है. विक्रांत सिंह कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं.