Conversion In Aganbari Center: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक आंगनबाड़ी केंद्र में धर्मांतरण के डर से परिजनों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजना बंद कर दिया. दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका के ईसाई धर्म अपनाने की खबर फैलने के बाद परिजनों ने बच्चों के धर्म परिवर्तन की डर से उन्हें केंद्र में भेजना बंद कर दिया है.
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आंगनबाड़ी केंद्र में ग्रामीणों ने बच्चों को भेजना बंद किया
मामला जिले के नरहरपुर ब्लॉक के रिसेवाडा पंचायत के आश्रित ग्राम भैंसमुंडी का है, जहां तैनात आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका ने साल 2009 ईसाई धर्म अपना लिया था. यह सूचना ग्रामीण को लगी, तो उन्होंने बच्चों के धर्म परिवर्तन की आशंका से आंगनबाड़ी सहायिका के पास बच्चों को भेजना बंद कर दिया है.
करीब 15 मासूम बच्चे नहीं जा रहे हैं आंगनबाड़ी केंद्र
रिपोर्ट के मुताबिक आंगबाड़ी केंद्र में ईसाई धर्म की सहायिका की तैनाता के चलते आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाले बच्चों को ग्रामीणों ने भेजना बंद कर दिया है. सूचना के मुताबिक फिलहाल, करीब 15 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं जा रहे हैं. आंगबाड़ी सहायिका केसर नरेटी ने बताया कि उसने साल 2009 से ईसाई धर्म को मानना शुरू कर दिया है.
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सरपंच बोले,हाल में गांव में 6 परिवारों ने धर्मांतरण किया
ग्राम के सरपंच हीरालाल कुंजाम, ग्राम प्रमुख रामदयाल चक्रधारी की मानें तो हाल में गांव में 6 परिवारों ने धर्मांतरण किया था. जिसमे से 3 परिवार अपने मूल धर्म मे वापस आ चुके है. आंगनबाड़ी केंद्र में ग्रामीणों द्वारा अपने बच्चों को नहीं भेजने की सूचना के बाद आंगनबाड़ी केंद्र मामले की जांच में जुट गया है.
प्रभावित हुंई आंगनबाड़ी केंद्र की सभी गतिविधियां
गौरतलब है ताजा धर्मांतरण विवादों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र की सभी गतिविधियां प्रभावित हो गई हैं. बच्चों को पोषण, प्राथमिक शिक्षा, बच्चो के स्वास्थ्य की निगरानी, टीकारण जैसे कार्य भी प्रभावित हो गए है. विभाग भी इस उलझन में है कि कानून में किसी धर्म परिवर्तन कर चुके कर्मचारी को हटाने या केंद्र जाने से रोकने का अधिकार है या नहीं है.