एक तरफ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार 'स्कूल जतन योजना' (School Jatan Yojana) के तहत स्कूल, आश्रम स्कूल, छात्रावास के भवनों की मरम्मत और नए अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड से सटा झक्कड़पुर के जंगलपारा प्राथमिक शाला भवन जर्जर हालत में है. दरअसल, ये भवन 5 साल से जर्जर हालत में, लेकिन कोई इसकी सुध तक नहीं लेने आया.
तीन साल से निजी पैसे खर्च कर शिक्षक किराए पर लिए भवन
यहां के शिक्षकों ने भवन मरम्मत के लिए अधिकारियों से गुहार लगाते लगाते थक गए, लेकिन किसी अधिकारी ने इस स्कूल की मरम्मती में मदद नहीं की और आखिरकार ये भवन उपयोग करने के लिए खतरनाक हो गया. जिसके बाद शिक्षकों ने इस भवन में छात्रों को पढ़ाना छोड़ दिया और अपने निजी पैसों से किराए का मकान लेकर स्कूल संचालन का कार्य कर रहे हैं. बता दें कि शिक्षक तीन साल से किराए का कमरा लेकर बच्चों को पढाते आ रहे हैं.
शिक्षक लंबोदर प्रसाद लहरे बताते हैं कि पत्थलगांव विकासखंड से सटा झक्कड़पुर के जंगलपारा प्राथमिक शाला भवन जर्जर स्थिति में है. स्कूल संचालित करने के लिए शिक्षकों को किराए पर कमरा लेकर पढ़ाना पड़ रहा है, लेकिन किराए के कमरे में स्कूल संचालित तीन साल से ज्यादा का समय व्यतीत होने के बावजूद अब तक इस भवन की मरम्मत नहीं हो सकी.
कमरे को किराए पर लेकर शुरू की गई कक्षाएं
सहायक शिक्षक प्रदीप साहू ने बताया कि झक्कड़पुर के जंगलपारा प्राथमिक शाला तीन साल पहले ही पूरी तरह छतिग्रस्त हो गया था, जिसको लेकर कई बार स्कूल के शिक्षकों द्वारा शिक्षा विभाग को पत्राचार के माध्यम से जानकारी दी गई, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पास के ही एक कमरे को किराए पर लेकर कक्षाएं लगानी शुरू कर दी.
बारिश के दिनों में पूरे भवन में पानी भर जाता था
बता दें कि शासकीय प्राथमिक शाला भवन की न सिर्फ दीवारों में दरारें हैं, बल्कि उसके छज्जे का प्लास्टर भी गिरना शुरू हो गया है. हालांकि, स्कूल में बच्चों के लिए टेबल कुर्सी से लेकर सभी व्यवस्था मौजूद थी, लेकिन समय के साथ-साथ स्कूल जर्जर होता चला गया और बारिश में पूरे भवन में पानी भर जाता है.
हालांकि इस मामले में जब एनडीटीवी की टीम विकास खंड शिक्षा अधिकारी धजीराम भगत से बात की तो उन्होंने जल्द मरम्मत करवाने की बात कही है.
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