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This Article is From Sep 07, 2024

Jal Jeevan Mission: अधूरा काम छोड़ना पड़ा भारी, 10 ठेकेदारों के कॉन्ट्रैक्ट हुए रद्द, कलेक्टर ने ये कहा

Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन के तहत जिन अनुबंधित ठेकेदारों ने लंबी अवधि तक कार्यां को पूर्ण नहीं किया था. उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था. जवाब नहीं मिलने पर संबंधित फर्म को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन कार्य प्रारंभ करने में रुचि नहीं लेने वाली सभी 10 फर्मों का अब अनुबंध निरस्त कर दिया गया.

Jal Jeevan Mission: अधूरा काम छोड़ना पड़ा भारी, 10 ठेकेदारों के कॉन्ट्रैक्ट हुए रद्द, कलेक्टर ने ये कहा

Jal Jeevan Mission Chhattisgarh: केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर कांकेर में प्रशासन की गाज गिरी है. निर्माण कार्य (Jal Jeevan Mission Construction Work) न करने वाले 10 फर्मों का अनुबंध (Contracts Cancelled) निरस्त कर दिया गया है. जल जीवन मिशन के तहत 192 टंकी के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 191 कार्य अपूर्ण है. जल जीवन मिशन के तहत किये जा रहे कार्य अभी भी अधूरे पड़े है. कांकेर जिले (Kanker District) में लम्बे समय से जल जीवन मिशन के कार्य जारी हैं. निर्माण कार्य को लेकर कलेक्टर (Kanker Collector) ने जल जीवन मिशन के सभी प्रगतिरत कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने और आम जनता को स्वच्छ पेयजल एवं निस्तारी जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को दिए है.

पीएचई ने क्या कहा?

कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बीएन भोयर ने बताया कि पिछले दो माह में एफएचटीसी के कार्यां में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में भौतिक उपलब्धि का प्रतिशत 64 (69774 कनेक्शन) है. इसी तरह 72.22 प्रतिशत घरों में घरेलू नल कनेक्शन प्रारंभ हो चुके हैं. इसके अलावा उच्च स्तरीय जलागार निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 192 टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 191 कार्य प्रगतिरत है. इस पर कलेक्टर ने स्रोतविहीन योजनाओं को शुरू करने शीघ्रता से नवीन स्रोत विकसित करने के निर्देश दिए. इस मिशन के तहत सोलर पंप स्थापित करने क्रेडा द्वारा 2209 कार्यों में से 1520 पूर्ण हो चुके हैं.

जल जीवन मिशन के तहत जिन अनुबंधित ठेकेदारों ने लंबी अवधि तक कार्यां को पूर्ण नहीं किया था. उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था. जवाब नहीं मिलने पर संबंधित फर्म को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन कार्य प्रारंभ करने में रुचि नहीं लेने वाली सभी 10 फर्मों का अब अनुबंध निरस्त कर दिया गया.

अब ये आदेश दिया गया

अब उनके व्यय एवं जोखिम पर अन्य एजेंसियों से कार्य कराए जाने का आदेश जारी किया गया है. इन फर्मो में मेसर्स अरिहंत इंटीरियर केशकाल, मेसर्स अविनाश एसोसिएट धमतरी, निरंजन सिंह ठाकुर कांकेर, मेसर्स ध्रुवा कंस्ट्रक्शन कांकेर, मेसर्स स्वेपटेक इन्फ्रा दुर्ग, अमित यादव दुर्ग, मेसर्स शिल्पी कंस्ट्रक्शन दुर्ग, मेसर्स केआर इंटरप्राइजेज रायपुर, मेसर्स एवायवी इन्फ्रास्ट्रक्चर कांकेर तथा मेसर्स विजय व्ही सालुंके रायपुर शामिल हैं.

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