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बस स्टैंड है या तबेला ? गंदगी और गोबर के बीच खड़ा हो रहे लोग.... जानिए मामला

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में लापरवाही अपने चरम पर है. जहां यात्रियों के लिए 6 करोड़ की लागत से एक हाईटेक बस स्टैंड बनवाया गया था लेकिन रखरखाव के अभाव के चलते अब यही बस स्टैंड गाय-भैंसों का अड्डा या यूँ कहें तबेला बनता नज़र आ रहा है.

बस स्टैंड है या तबेला ? गंदगी और गोबर के बीच खड़ा हो रहे लोग.... जानिए मामला
बस स्टैंड है या तबेला ? गंदगी और गोबर के बीच खड़ा हो रहे लोग.... जानिए मामला

Chhattisgarh News in Hindi : राजनांदगांव शहर में यात्रियों की सुविधा के लिए 2018 में हाईटेक बस स्टैंड की सौगात मिली थी, लेकिन अब यह हाईटेक बस स्टैंड गाय-भैंस के तबेले में बदल चुका है. यहां मवेशी बड़े आराम से रहते हैं और मुसाफिर सड़क पर खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं. इसके साथ ही असामाजिक तत्वों का भी डेरा इस हाईटेक बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में रहता है. प्रतीक्षालय पूरी तरह से गाय-भैंस के तबेले में बदल गया है और गंदगी का आलम बना हुआ है. राजनांदगांव जिले के लोगों को हाईटेक बस स्टैंड की सुविधा साल 2018 में दी गई थी. हाईटेक बस स्टैंड के निर्माण के दौरान यात्रियों से कई वादे किए गए थे, जिसमें हर तरह की सुविधा शामिल थी. लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण किया गया था, इसके साथ ही हाईटेक वेटिंग रूम भी बनाया गया था.

हाईटेक बस स्टैंड बना मवेशियों का अड्डा

अब यह यात्री प्रतीक्षालय यात्रियों के बैठने के लिए नहीं, बल्कि मवेशियों का अड्डा बन गया है. बड़ी संख्या में मवेशियों का कब्जा वेटिंग रूम में है, जहां मवेशी आराम करते हैं और गंदगी का आलम बना हुआ है. चारों ओर गाय-भैंसों की गंदगी और बदबू से यात्री परेशान हैं. यात्रियों को हाईटेक वेटिंग रूम की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लोगों ने बताया कि वेटिंग रूम में गंदगी बनी हुई है और बस का इंतजार करते समय उन्हें गाय-भैंसों और बदबू के बीच बैठना पड़ता है. साफ-सफाई नहीं होने से परेशानी अधिक बढ़ गई है और यात्री गंदगी के बीच बैठने को मजबूर हैं.

मामले में क्या बोले नगर निगम आयुक्त ?

इस संबंध में नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने बताया कि नया बस स्टैंड बना है लेकिन अभी दो जगह बस स्टैंड चल रहे हैं. पुराना बस स्टैंड भी चालू है और वहां से भी यात्री जाते हैं. बस ऑपरेटरों से बात हुई है कि वे अपने बस स्टैंड में शिफ्ट हो जाएं, और उनसे सहमति बनाई जा रही है. नया बस स्टैंड और पुराना बस स्टैंड दोनों जगह निगम सफाई करती है, लेकिन लोगों का आना-जाना ज़्यादा रहने के कारण गंदगी बनी रहती है. नियमित रूप से सफाई की जाती है.

अधियकारियों को नहीं कोई सरोकार

नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही का नतीजा है कि करोड़ों रुपए की लागत से बने इस हाईटेक बस स्टैंड और इसमें बने यात्री प्रतीक्षालय में मवेशियों का कब्जा हो चुका है. बेहतर सुविधाओं के मकसद से इस हाईटेक नए बस स्टैंड का निर्माण किया गया था, लेकिन अब यह मवेशियों का अड्डा बन गया है. यहां मवेशियों की तरफ से फैलाई गई गंदगी और बदबू के बीच यात्री बैठने के लिए मजबूर हैं.

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गंदगी और गोबर से मुसाफिर परेशान

यात्री वेटिंग रूम के बस स्टैंड में सैकड़ों मवेशी देखे जा सकते हैं, बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2018 में लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से इस हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण किया गया था.

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