विज्ञापन
This Article is From Sep 12, 2023

जशपुर: 'नागलोग' में सांप के काटने से मौतों में आई कमी, 279 मामलों में 269 को बचाया

छत्तीसगढ़ के जशपुर को नागलोक भी कहा जाता है...कुछ साल पहले तक यहां सापों के काटने से बड़ी संख्या में मौतें होती थीं लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. जागरूकता अभियान की बदौलत अब मौतों की संख्या में भारी कमी आई है.

जशपुर: 'नागलोग' में सांप के काटने से मौतों में आई कमी, 279 मामलों में 269 को बचाया

छत्तीसगढ़ में नागलोक के नाम से चर्चित जशपुर जिले के लोगों को जहरीले सांपों के साथ रहना पड़ता है.यहां दूरस्थ इलाकों में थोड़ी सी भी असावधानी इनकी जान पर बन आती है .लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान से अच्छे नतीजे दिख रहे हैं. यहां सर्पदंश से पहले सालाना सैकड़ों मौतें होती थीं जो अब घटकर महज 10 के आसपास रह गई हैं. हालांकि इसमें दवाइयों और डॉक्टरों की उपलब्धता का अहम रोल है.

दरअसल जशपुर अंचल की भूरभूरी मिट्टी सापों के रहने के लिए अनुकूल है. यहा खेतो में मौजूद दीमक की बांबी में बड़ी संख्या में सांप रहते हैं. इसकी वजह से इलाके में सर्पदंश की कई घटनाएं होती हैं.जिले के पत्थलगांव, फरसाबहार और तपकरा क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों में खेत खलिहान और घरों में नाग व करैत नामक  सबसे ज़हरीले सांप की प्रजाति कभी भी देखने को मिल सकती हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV


सर्पदंश के मामलों के बाद अंधविश्वास और झाड़फूंक का इलाज से मौतों की संख्या में भारी इजाफा को देखते हुए कलेक्टर डॉ.रवि मित्तल ने सभी प्रभावित गांवों का चिन्हित कर वहां स्वास्थ्य,राजस्व अमला को भेज कर जागरूकता अभियान चलाया गया. अस्पतालों में एंटीवेनम इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाई गई और लोगों को समझाया गया कि वे झाड़फूंक और अंधविश्वास से दूर रहें. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा बीते दिनों  सर्प ज्ञान केंद्र की स्थापना से हालात बदले हैं. तीन चरणों में पूरी होने वाली इस योजना में सबसे पहले सर्प ज्ञान केंद्र में सांपों का रेस्क्यू ट्रेनिंग, घायल सांपों का उपचार के लिए अस्पताल और जिले के सभी स्कूलों में भी डेमो के माध्यम से सांपों को लेकर जागरुकता अभियान पर जोर दिया जा रहा है.

जशपुर में जारूकता अभियान के अच्छे परिणाम दिख रहे हैं. सापों के काटने पर अब लोग अस्पताल आ रहे हैं.

जशपुर में जारूकता अभियान के अच्छे परिणाम दिख रहे हैं. सापों के काटने पर अब लोग अस्पताल आ रहे हैं.

 जशपुर के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो का कहना है कि इस वर्ष जिले के विभिन्न अस्पताल में सर्पदंश के 279 मामलों में 243 मरीजों को सकुशल बचा लिया गया. वही अप्रैल से अब तक 23 लोगों को दूसरे जिले में रेफर किया गया है जबकि 10 लोगों की मौत हुई है. मौत की वजह झाड़फूंक,मरीजों को विलंब  से लाने की वजह से हुई है. उन्होंने कहा कि सर्पदंश की घटना के बाद मरीज को तत्काल उपचार की खातिर अस्पताल मे भर्ती कराने से काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि गांव और कस्बों में सर्पदंश के मरीजों के लिए  एंटीवेनम इंजेक्शन दवा का भरपूर स्टाक रख दिया गया है.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close