
Gaurela Pendra Marwahi: गोरेला के ठेंगा दाढ़गांव (Thenga Darhgaon) में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 5 वर्षीय मासूम की मौत हो गई, बच्चे को 2 दिन से मामूली बुखार था. झोलाछाप डॉक्टर ने लापरवाही से मासूम का इलाज कर उसके नस में कोई दवा चढ़ाई और पल भर में मासूम की मौत हो गई.
मामला गौरेला के समीपस्थ गांव ठेंगादाढ़ का है, जहां मंगल सिंह के घर में 5 साल के मासूम को 23 अक्टूबर की रात लगभग 2 बजे हल्का बुखार आया तो उसके माता-पिता उसे सुबह अगली 10 बजे गांव में ही रहने वाले झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौड़ जो खोडरी गांव में अपना निजी क्लीनिक खोलकर इलाज कर रहा है उसके पास लेकर गए.

बिना कुछ जांच पड़ताल किए झोलाछाप डॉक्टर राम सिंह राठौड़ ने बच्चों की नस में इंजेक्शन मोनोसेफ लगाया. इंजेक्शन लगाने के 5 से 7 मिनट बाद ही बच्चे मासूम बच्चे अंकुश की तबीयत बिगड़ने लगी...तो डॉक्टर ने तुरंत उसको एविल इंजेक्शन लगाया. इसके बाद भी उसके तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो नसों के माध्यम से उसे ड्रिप चढ़ाने लगाया...जब मासूम का शरीर ठंडा पड़ने लगा तो झोलाछाप डॉक्टर बच्चे को लेकर उसके परिवार के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोड में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास आया.
चिकित्सक ने यहां उसे मृत बताते हुए ले जाने को कहा और झोलाछाप डॉक्टर ने वापस मृत मासूम के शव को पीड़ित माता-पिता के घर लाकर छोड़ दिया और कहने लगा कि इसकी कहीं भी शिकायत करोगे तो पोस्टमार्टम करना पड़ेगा. यह कहते हुए उन्हें शांत रहने के लिए 10000 रुपए दिए. अब लगभग 20 से 22 दिन बीत गए हैं. झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिक में नहीं है.
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