Madhya Pradesh News : सरकार द्वारा 2009 बुंदेलखंड पैकेज (Bundelkhand Package) दिया गया था, जिसमें बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने का वादा किया गया था, लेकिन बुंदेलखंड पैकेज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. बुंदेलखंड के हालात जैसे पहले थे वैसे ही आज भी हैं. बुंदेलखंड पैकेज बंटने के बाद न तो किसानों की तकदीर बदली और न ही बुंदेलखंड की तस्वीर बदल सकी. अब तो बुंदेलखंड पैकेज से जुड़ा जो रिकार्ड था, वो भी आग में जलकर खाक हो चुका है. मामला छतरपुर जिले का है जहां बुंदेलखंड पैकेज का रिकार्ड आग के हवाले हो गया, अब यहां जली हुई फाइलों की राख ही रह गई हैं.
पहले चोरी फिर आग, इस पर भी नहीं खुली आंख
छतरपुर में अब अगर कृषि विभाग से पुराने रिकार्ड की बात होगी तो किसी के पास कोई जवाब नहीं होगा, क्योंकि शहर के बीचो-बीच स्थित कृषि विभाग (Agriculture Department) परिसर में रखा रिकॉर्ड पहले तो चोरी हुआ. उसके बाद दो बार यहां आग लगी जिससे यहां की फाइलें जलकर नष्ट हो गईं. अब मौके पर जली हुई फाइलों का ढेर पड़ा हुआ है.
जिस शख्स को विभागीय कर्मचारियों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था उसका कुछ नहीं हुआ, क्योंकि पकड़े गए आरोपियों के बाद में छोड़ दिया गया. इसी तरह आग लगने के पीछे की कहानी का सच क्या है? यह अभी तक सामने नहीं आ पाया है.
दो बार लगी आग, हजारों फाइलें हुईं खाक
यहां दो बार आग लगने के बाद सैकड़ों फाइलें जलकर राख हो गईं. अब इन फाइलों की राख और जला ढेर ही परिसर में नजर आता है. मामला छतरपुर के साथ भोपाल मुख्यालय तक भी जा पहुंचा है. जिसकी पूरी रिपोर्ट विभागीय स्तर पर भोपाल दी जा चुकी है. चोरी हो गई फाइलों और आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. जो फाइलें जली हैं उनमें किसानों की बीमित फसलें, बीमा राशि, फसलाें का रकबा सहित पूरा रिकार्ड दर्ज था.
ऐसा था बुंदेलखंड पैकेज
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के करीब 13 जिले बुंदेलखंड पैकेज में शामिल थे. करीब सात हजार करोड़ रुपये का पैकेज बुंदेलखंड के नाम पर 2009 में आया था. मध्य प्रदेश के छतरपुर सहित करीब छह जिले इसमें शामिल थे. इसके तहत वाटर हार्वेस्टिंग, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, स्टाॅप डैम, मार्केटिंग, एग्रीकल्चर यार्ड सहित अन्य मदों पर विकास कार्य होना था. गोदाम तो बने और बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हुआ लेकिन किसानों की दशा पर किसी ने फोकस नहीं किया.
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