Gariaband Encounter Updates: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरिबांद (Gariaband) जिले के कुल्हाड़ीघाट की पहाड़ी पर नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच 70 घंटे से ज्यादा चले मुठभेड़ (Naxal Encounter) में एक करोड़ के इनामी नक्सली चलपति (Chalpati) और 25 लाख के इनामी नक्सली प्रमोद (Naxalite Pramod) समेत 16 नक्सली मारे गए थे. इसके अलावा, सुरक्षाबल के दो जवान भी घायल हो गए थे. इस इस मुठभेड़ को लेकर डिटेल जानकारी सामने आई है.
आईजी अमरीश मिश्रा ने मुठभेड़ की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 19 तारीख के शाम को इनपुट मिला कि कुल्हाड़ीघाट की पहाड़ी पर नक्सलियों के सीनियर कैडर का बड़ा ग्रुप है. नक्सलियों का ये ग्रुप एक बड़ी बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में ओडिशा और छत्तीसगढ़ कैडर के बड़े नक्सलियों के शामिल होने की सूचना थी. उन्होंने बताया कि ऐसी इनपुट थी कि फण्ड कलेक्शन पंचायत चुनाव और बस्तर से लेकर सेफ कॉरिडोर बनाने के लिए बैठक बुलाई गई. हमें ऐसी इनपुट मिली थी कि 25 से 30 बड़े नक्सली इस बैठक में शामिल होंगे.
तीन भाग में किया गया ऑपरेशन
नक्सलियों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन की जानकारी देते हुए आईजी मिश्रा ने बताया कि ये आपरेशन तीन भाग में किया गया था. हमने इस ऑपरेशन को रूप से प्लानिंग, टैक्टिकल स्ट्रेटेजी और मॉनिटरिंग में बांटा.
इन भूमिकाओं में थे मारे गए बड़े नक्सली नेता
आईजी मिश्रा ने बताया कि मुठभेड़ के बाद 16 डेड बॉडीज बरामद की गई हैं, इनमें से 11 की पहचान हो गई है. उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में CCM चलपति के अलावा SCM जयराम उर्फ गुड्डू तीसरा वन ऑफ द मोस्ट डेंजरस सत्यम गावड़े भी मारा गया. उन्होंने बताया कि सत्यम गावड़े कोयलीबेड़ा का रहने वाला था. सत्यम पिछले अनेकों सालों से कोयली बेड़ा का टॉप लेवल का कमांडर था. वह ही सारे ऑपरेशन कोऑर्डिनेटर करता था.
नक्सली हुए कमजोर
आईजी मिश्रा ने कहा कि तीन बड़े नक्सली के मारे जाने से बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. चलपति 1991 से सक्रिय था, वह आंध्र प्रदेश में एक एमएलए की हत्या का दोषी था. CCM चलपति, जयराम उर्फ गुड्डू और सत्यम गावड़े के खिलाफ कई ऑपेरशन हुए थे, लेकिन तब सफलता नहीं मिली. उन्होंने बताया कि चलपति माओवादियों की स्ट्रेटेजी प्लानर था. इसके साथ ही वह फन्ड कलेक्शन अर्बन नक्सलिज्म को बढ़ाने का काम करता था. वहीं, जयराम उर्फ गुड्डू लोगों को mobilise करने में माहिर था. इसके अलावा सत्यम के ऊपर 25 आपराधिक मामले दर्ज थे. उन्होंने बताया कि सभी मारे गए माओवादियों पर 5 करोड़ से ज्यादा का इनाम था.
नक्सली ड्रोन से सुरक्षा बलों पर रख रहे थे नजर
आईजी मिश्रा के मुताबिक नक्सली बैठक कर चुके थे, या करने जा रहे थे. तभी उन्हें घेर लिया गया. नक्सलियों के दो ड्रोन उड़ रहे थे. वे लोकल ड्रोन से सुरक्षा बलों पर नजर रख रहे थे.
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आईजी मिश्रा ने कहा ने आपरेशन की जानकारी देते हुए कहा कि डेढ़ से दो दिन के आपरेशन के लिए सुरक्षा बल निकले थे. डेढ़ दिन के खाने पर भूखे प्यासे तीन दिन एनकाउंटर चला, लेकिन जवानों के हौसले बुलंद थे, इसी वजह से कामयाबी मिली. हालांकि, बहुत मुश्किल पहाड़ी के बीच एनकाउंटर हुआ. एनकाउंटर के दौरान दोनों ओर से बहुत भारी फायरिंग हुई. इस मौके पर आईजी मिश्रा ने दावा किया कि मार्च 26 तक माओवाद खत्म हो जाएगा. उन्होंने आशा व्यक्त की कि माओवाद के खत्म होने के बाद बस्तर की सुनहरी तस्वीर निखरेगी.
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