Naxalites Encounter : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के मामले पर बड़ा अपडेट है.अबूझमाड़ के जंगलों में मारे गए पांच नक्सलियों की पहचान कर ली गई है. इन पर कुल 21 लाख रुपये का इनाम था. कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की है. ये मुठभेड़ गट्टाकाल के जंगलों में हुई थी. मारे गए चार नक्सलियों पर पांच-पांच लाख रुपये और एक नक्सली पर एक लाख रुपये का इनाम था. AK47 रायफल, एसएलआर रायफल, 8 एमएम रायफल, 12 बोर की बंदूक और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है. बीते दिन मुठभेड़ से लौटते समय नक्सलियों ने बारूदी बम विस्पोट कर 8 जवानों और 1 सिविलियन को खत्म कर दिया था.
जानें मारे गए नक्सलियों के नाम
मारे गए माओवादियों की पी.पी.सी.एम. पीएलजीए प्लाटून नंबर 32 के सदस्य देव सिंह, दिनेश, सुमती उर्फ कमला उर्फ कविता, सुकमती एवं गट्टाकाल मिलिशिया कमांडर महेश उर्फ लच्छू पुंगाटी के रूप में पहचान हुई है. पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव राय द्वारा बताया गया कि दंतेवाड़ा, नारायणपुर सीमावर्ती क्षेत्र जंगल पहाड़ी में प्रतिबंधित माओवादी संगठन सीपीआई (एम) के सदस्य, माड़ डिविजन कमेटी, पीएलजीए प्लाटून नम्बर 32 एवं इंद्रावती एरिया कमेटी इत्यादि के शीर्ष नक्सलियों के आसूचना पर नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी संयुक्त टीम.
देर रात तक चला थी मुठभेड़
नक्सल विरोधी सर्च अभियान में तीन जनवरी को जिला दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर, कोण्डागांव की डीआरजी एवं एसटीएफ की संयुक्त पार्टी शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति की आसूचना पर अबूझमाड़ क्षेत्र में रवाना हुई थी. उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप द्वारा बताया गया कि अभियान के दौरान चार जनवरी को लगभग 3. 30 बजे ग्राम गट्टाकाल के जंगल पहाड़ में पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी., जो देर रात तक लगातार चलती रही.
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'माओवादियों को पास अब कोई विकल्प नहीं बचा'
फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा सर्च करने पर 2 महिला और 3 पुरुष माओवादी कुल 5 सशस्त्र वर्दीधारी माओवादियों का शव बरामद हुआ. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. ने बताया कि प्रतिबंधित, गैर कानूनी सीपीआई माओवादियों संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्यधारा जुडे़ अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे.
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