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Pahadi Korwa Tribe : आजादी के 78 साल बाद भी यहां आज भी नहीं पहुंची बिजली ? लालटेन के सहारे कट रही जिंदगी

Pahadi Korwa Tribe News : पहाड़ी कोरबा विशेष संरक्षित जनजाति है. इन्हे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहा जाता है. लेकिन इनके लिए बिजली किसी सपने से कम नहीं है. यहां के लोग आज भी लालटेन के सहारे अपनी रात काट रहे हैं. NDTV ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की और जिम्मेदारों से बात की.

Pahadi Korwa Tribe : आजादी के 78 साल बाद भी यहां आज भी नहीं पहुंची बिजली ? लालटेन के सहारे कट रही जिंदगी
पहाड़ी कोरबा विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों की आज भी कट रही लालटेन के सहारे रातें...

Pahadi Korwa Special Backward Tribe :  छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले दूरस्थ अंचल पर बसे झापर गांव में आजादी के बाद से आज तक लाइट नहीं पहुंच पाई है. लोगों को आज भी लालटेन का सहारा लेकर रात गुजारनी पड़ती है. इस गांव के लोगों के लिए बिजली किसी सपने से कम नहीं है. यहां पहाड़ी कोरबा विशेष संरक्षित जनजाति रहती है. इन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के नाम से भी जाना जाता है. 

बलरामपुर जिले के दूरस्थ अंचल पर बसे झापर गांव में चुनाव के समय जनप्रतिनिधी जरूर आते हैं. विकास के तमाम दावे करके चले जाते हैं. फिर चुनाव के बाद भी हालत जस के तस बने रहते हैं. अब पूरे 78 साल बीत रहे हैं. लेकिन यहां अब तक बिजली नहीं पहुंच पाई. तस्वीर तमाम दावों का सच बयां कर रही है.

70 से 80 लोगों की आबादी है गांव में

 इस गांव के लोगों के लिए बिजली आज भी एक सुनहरे सपने की तरह है, जो आज तक हकीकत नहीं हो सका है. यह गांव जिले वाड्रफनगर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत आता है. इस गांव में करीब 25 परिवार रहते हैं.गांव में कुल 70 से 80 जनसंख्या है. पहाड़ी कोरबा को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है. 

बता दें, छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरबा विशेष पिछड़ी जनजाति है. ये जनजाति जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर एवं कोरबा जिले में निवास करती है. लेकिन बुनियादी सुविधाओं की पहुंच इन तक क्यों नहीं बन पाई ये बड़ा सवाल है? 

आज भी इन्हें दादा-परदादा की जमाने के दौरान दीपक(दीया) एवं लालटेन के भरोसे जीवन गुजारना पड़ रहा है. यहां के लोग बताते हैं कि गांव में बिजली का खंभा तो लगवा दिया गया. लेकिन वह भी फर्जी है. चुनाव जब-जब आता है, नेता यहां पहुंचते हैं. चुनावी वादे तो जोरों शोरों से करते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद पता नहीं कहां गायब हो जाते हैं? यहां के लोग बगैर बिजली के अंधकार में जीवन जीने को मजबूर है. लोगों के चेहरे बिजली के इंतजार में मायूस हो चुके पर उनकी समस्याओं पर किसी का ध्यान अभी तक नहीं गया.

बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता का बयान

वाड्राफनगर विकासखंड के बिजली विभाग कार्यपालन अभियंता ने कहा कि ग्राम झापर का एक भी आवेदन अभी प्राप्त नहीं हुआ है. यहां पर विद्युत पोल नहीं लगाया है. शासन की ओर से 400 मीटर एलटी लाइन या टोटल लाइन जो फ्री है, ट्रांसफार्मर भी फ्री है. इसका तुरंत काम किया जाएगा. बिजली खंभा जो लगा हुआ है, विभाग द्वारा नहीं लगाया गया है. विभाग जल्द कोशिश करेगा कि बिजली की पहुंच आसान हो.

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जिला पंचायत सदस्य ने कहा जल्द करेंगे पहल

जिला पंचायत सदस्य अनसूईया वर्मा ने कहा- मुझे जानकारी है कि वहां लाइट की दिक्कत है. मैं प्रयास करूंगी कि वहां लाइट लग जाए . लोग लालटेन से टॉर्च जलाकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं. बिजली विभाग से बात करूंगी. 

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