Digital library building lock: बैकुंठपुर के झुमका महोत्सव (Jhumka Mahotsav) में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने विधायक भइयालाल राजवाड़े की मांग पर कोरिया जिले में छात्रों के लिए नालंदा परिसर खुलवाने घोषणा की. लेकिन भाजपा सरकार में ही बैकुंठपुर में बने डिजिटल लाइब्रेरी भवन निर्माण को शुरू नहीं कराया जा सका है. शासकीय पीजी कॉलेज, गर्ल्स कॉलेज परिसर के बीच बने डिजिटल लाइब्रेरी भवन में लोकार्पण के बाद से ताला लटक रहा है.
फायदा कॉलेज के छात्रों को नहीं मिल पा रहा
पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष योजना अंतर्गत साल 2013 में करीब 40 लाख रुपए की स्वीकृत पर डिजिटल लाइब्रेरी भवन का निर्माण कराया गया था. भवन बनकर तैयार है, लेकिन अब तक यहां कंप्यूटर, इंटरनेट, किताबें और फर्नीचर की सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. भवन में 6 साल से ताला लटक रहा है. डिजिटल लाइब्रेरी का फायदा कॉलेज छात्रों को नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि मंत्री अमर अग्रवाल ने साल 2017 में डिजिटल लाइब्रेरी भवन का लोकार्पण किया था. लोकार्पण के बाद इसे आज तक शहर के युवाओं व छात्रों के लिए नहीं खोला गया. डिजिटल लाइब्रेरी भवन को कुछ साल श्रम विभाग ने गोदाम बना लिया था, यहां साइकिल, सिलाई मशीनों को रखा गया था.
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कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी थी
डिजिटल लाइब्रेरी के लोकार्पण के अवसर पर जिले में विकास के बड़े-बड़े दावे किए गए थे. हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप की बातें कही गई थी.जिसका फायदा आने वाले दिनों में यहां के छात्रों और स्थानीय नागरिकों को मिलता साथ ही लाइब्रेरी में इंटरनेट, किताबें, हिंदी और इंग्लिश अखबार सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जानी थी, लेकिन ये अधूरा रह गया. शानदार फर्नीचर और वाईफाई से लैस डिजिटल लाइब्रेरियां में पढ़ने आने वाले युवा अपना लैपटाप और स्मार्टफोन भी लाते हैं और ठंडे माहौल में वाईफाई से जोड़कर अपनी पढ़ाई करते हैं। युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई लाइब्रेरी संचालक टेस्ट सीरीज तक ज्वाइन कराते हैं.
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