
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण पोस्टमैट्रिक बालक छात्रावास में प्रेम-प्रसंग से जुड़ा एक वीडियो मामले ने बीते दो दिनों से तनाव का माहौल पैदा कर दिया है. छात्रावास में रह रहे एक किशोर प्रेमी युगल का वीडियो उसी के साथी छात्र ने बना लिया. जैसे ही इसकी जानकारी प्रेमी युगल को लगी, लड़की ने अपने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी. इसके बाद बाजारपारा, कटेकल्याण से करीब दो दर्जन ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडा लेकर छात्रावास पहुंचे और वहां जमकर हंगामा मचाया.
ये है मामला
ग्रामीण युवाओं ने आश्रम परिसर में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की और ईंट-पत्थर भी चलाए. घटना की सूचना मिलते ही छात्रावास अधीक्षक ने तत्काल कटेकल्याण थाना में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 11 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है. बताया गया है कि सभी आरोपी बाजारपारा के निवासी हैं और छात्रावास से उनका कोई संबंध नहीं है.
सीईओ और संयोजक भी बने उपद्रव के गवाह
हंगामे की खबर मिलते ही मौके पर जनपद पंचायत के सीईओ और मंडल संयोजक भी पहुंचे. लेकिन उपद्रवियों ने उनकी एक नहीं सुनी और दोनों अधिकारियों की मौजूदगी में मारपीट जारी रही. इतना ही नहीं, उन्हें भी धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा. इस घटना में आधा दर्जन छात्र घायल हुए हैं, जिन्हें कटेकल्याण अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया है.
कैसे बढ़ा मामला
सूत्रों के अनुसार, छात्रावास में एक छात्र कटेकल्याण की एक छात्रा के साथ बैठा था. इसी दौरान बीजापुर जिले के भैरमगढ़ निवासी एक छात्र ने छुपकर वीडियो बना लिया. लड़की ने इस पर आपत्ति जताई और परिजनों को सूचना दी. इसके बाद ही बाजारपारा से ग्रामीणों का जत्था पहुंचा और मामला हिंसक रूप ले बैठा.
एडिशनल एसपी आर.के. बर्मन ने बताया कि कटेकल्याण थाना में दर्ज मामले में 11 लोगों को नामजद किया गया है. यह सभी छात्रावास से जुड़े नहीं हैं. शुरुआती जांच में कोई आपत्तिजनक वीडियो सामने नहीं आया है. प्रेमी युगल की पुष्टि जांच के बाद की जाएगी.
विभाग ने दी जानकारी
आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी राजीव नाग ने बताया कि मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा है और छात्रावास अधीक्षक के माध्यम से पुलिस में आवेदन दिया गया है. विभाग स्तर पर भी घटना की जांच की जा रही है.कटेकल्याण छात्रावास में उपजे इस विवाद ने सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक जवाबदेही पर कई सवाल खड़े किए हैं. प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद हुई हिंसा से यह स्पष्ट है कि संवेदनशील मुद्दों पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है.
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