
Bijapur Naxal News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक विशेष अभियान के दौरान CRPF का डॉग K-9 रोलो की मौत हो गई. रोलो की मौत मधुमक्खियों के हमले में हुई. रोलो एक बेल्जियन मेलिनोइस ब्रीड का डॉग था. वह छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर तैनात था. वो विस्फोटकों का पता लगाने और गश्त करने में माहिर था. CRPF ने उसे पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी.CRPF रोलो को मरणोपरांत कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित भी करेगी.
सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में गई डॉग की जान
#WATCH | छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में CRPF के जवानों ने 228 बटालियन के K9 रोलो का अंतिम संस्कार किया। 2 वर्षीय रोलो को 27 अप्रैल 2025 को मृत घोषित कर दिया गया था, जिसकी मौत का कारण 200 मधुमक्खियों के डंक के बाद एनाफिलेक्टिक शॉक बताया गया था।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2025
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा… pic.twitter.com/HDkdxhewrO
दअरसल हुआ ये कि सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी. ये ऑपरेशन करीब तीन हफ्ते तक चला. इसी अभियान के तहत जब सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में तलाशी अभियान के बाद लौट रही थी तब मधुमक्खियों के एक विशाल झुंड ने हमला कर दिया. इस दौरान वानों ने K9 रोलो को मधुमक्खियों के डंक से बचाने के लिए उसे पॉलीथिन शीट से ढक दिया. हालांकि ये प्रयास विफल रहा क्योंकि कई मधुमक्खियां शीट के अंदर घुस गईं और K9 रोलो को डंक मारने लगीं. जिससे रोलो को तीव्र दर्द और जलन हुआ और वो बेकाबू हो गया. इसके बाद वो शीट से बाहर निकल आया. जैसे ही वो शीट से बाहर आया उसे और अधिक मधुमक्खियों ने काट लिया. जिससे वो बेहोश हो गया. जवानों के मुताबिक K9 रोलो को लगभग 200 मधुमक्खियों ने डंक मारे.
बेहद वफादार सिपाही था K 9 रोलो
मौके पर मौजूद जवानों ने उसे तत्काल आपातकालिन उपचार देने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन अत्यधिक दर्द और पीड़ा के कारण K9 रोलो ने रास्ते में ही दम तोड़ गया. बाद में पशु चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. K-9 रोलो का जन्म साल 2023 में 5 अप्रैल को DBTS में हुआ था. DBTS में ही बैच क्रमांक 80 के तहत उसे इन्फेंट्री पेट्रोलिंग, विस्फोटक खोज और आक्रमण (Assault) में प्रशिक्षण दिया गया था. प्रशिक्षण के बाद अप्रैल 2024 में इसे 228 बटालियन, CRPF में नक्सल विरोधी ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था. कई नक्सल विरोधी अभियानों में रोलो ने IED का पता लगाया था. वो एक वफादार सिपाही था. उसने नक्सलियों के ठिकानों और विस्फोटक सामग्री को ढूंढने में भी CRPF की मदद की. इसी वजह से उसकी शहादत को सम्मान देने के लिए उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
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