SIR Chhattisgarh : मतदाता गहन पुनरीक्षण यानी SIR में पहले चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. छत्तीसगढ़ में 27 लाख से ज्यादा ऐसे मतदाता है, जिनके आवेदन नहीं जमा किए गए हैं. चर्चा चल रही है कि उनका नाम अब मतदाता सूची से काट दिया जाएगा. इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही है.
छत्तीसगढ़ में SIR के तहत पहले चरण में आवेदन जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 18 दिसंबर तक मतदाताओं के आवेदन लिए गए. राज्य के कुल करीब 2 करोड़ 12 लाख मतदाताओं में से 27 लाख 34 800 मतदाताओं ने आवेदन नहीं जमा किया है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार,ने बताया कि SIR के तहत पहले चरण में फॉर्म एन्यूमरेशन का काम 18 दिसंबर तक पूरा कर लिया गया है. 27 लाख 34817 मतदाताओं के आवेदन नहीं जमा हुए हैं. यह वह मतदाता है जो या तो अपने पते पर नहीं मिले, डेथ हो गई है या फिर कहीं शिफ्ट कर गए हैं. उन्हें नोटिस नहीं जाएगा.
पहले से राजनीतिक विवाद का कारण रहे SIR पर छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस सत्ताधारी दल और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगा रही है.
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी की कठपुतली की तरह काम कर रहा है. हमने पहले ही आशंका जताई थी कि बिहार की तरह छत्तीसगढ़ में भी मतदाताओं के नाम काटने का काम बीजेपी के इशारे पर किया जाएगा.. जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक 27 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं.. छत्तीसगढ़ में एसआईआर अभी करने की जरूरत क्या थी.. छत्तीसगढ़ में कई ऐसे परिवार हैं जो सुबह घर से जल्दी निकल जाते हैं और देर रात काम कर लौटते हैं ऐसे लोगों को ना तो आवेदन मिल पाया और ना ही वे आवेदन लेकर जमा करने जा पाए. राज्य में कुल 2 करोड़ 12 लाख मतदाता हैं जिनमें से 27 लाख लोगों के नाम काटने की कवायद की जा रही है.. हमने पहले ही इसकी आशंका जाहिर की थी. हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिख 3 महीने समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.
SIR को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल भाजपा ने भी गहरा प्रहार किया है. भाजपा कहती है कि कांग्रेस का काम सिर्फ और सिर्फ भ्रम फैलाना है.
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र ही सिर्फ भ्रम फैलाकर राजनीति करना है. SIR लोगों के नाम पहले चरण में नहीं जुड़ पाए हैं उनके लिए आगे मौका है. जो लोग कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या फिर किसी की मौत हो गई है क्या उसके नाम मतदाता सूची में रहने चाहिए. कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ जनता के बीच भ्रम फैलाकर अपना राजनीतिक रोटी सेकना चाहती है.
SIR पर हो रही सियासत के बीच अब यह भी जान लेते हैं कि जिन लोगों के आवेदन जमा नहीं हुए हैं, उनके लिए फिर से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की क्या प्रक्रिया है...
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि जिनको लगता है कि उनके फॉर्म नाम होने के बावजूद जमा नहीं लिए गए हैं उनके लिए अभी मौका है. वे लोग जो शिफ्टेड लोग हैं जो एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में शिफ्ट हो गए हैं या एक गांव से दूसरे गांव में शिफ्ट हो गए हैं. अपना नाम जुड़वा सकते हैं उसके लिए प्रक्रिया है. उन्हें नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 जमा करना पड़ेगा.. लेकिन इस बार प्रक्रिया में थोड़ा सा बदलाव है. फॉर्म 6 के साथ ही, जरूरी दस्तावेज और एक घोषणा पत्र भी देना होगा. उस प्रक्रिया को पूरी कर उनका नाम जोड़ा जाएगा.
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