छत्तीसगढ़ में लंबे समय से जारी धर्मांतरण बहस नए कानून के रूप में निर्णायक मोड़ ले रही है. राज्य सरकार की उच्चस्तरीय समिति ने नए धर्मांतरण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे आगामी शीतकालीन सत्र में सदन में पेश किया जाएगा. सरकार का दावा है कि कानून में ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं, जिससे प्रलोभन, दबाव या धोखे से होने वाला धर्म परिवर्तन रोका जा सके. रायपुर में मंत्री विजय शर्मा ने पुष्टि की कि ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और सदन की प्रक्रिया पूरी होते ही कानून लागू होगा.
60 दिन पहले देनी होगी सूचना, चंगाई सभा पर प्रतिबंध की संभावना
ड्राफ्ट के अनुसार, कोई भी व्यक्ति धर्म बदलना चाहता है तो उसे 60 दिन पहले प्रशासन को सूचना देनी होगी. जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन और जांच के बाद ही धर्म परिवर्तन की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा चंगाई सभा जैसे आयोजनों पर भी रोक की तैयारी है, क्योंकि इन्हें धर्मांतरण के माध्यम के रूप में देखा जाता रहा है. समिति ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार के प्रलोभन, आर्थिक फायदा या डराकर धर्म परिवर्तन कराने वालों को आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है.
नौ राज्यों के कानून का अध्ययन कर 52 बैठकों में तैयार हुआ ड्राफ्ट
गृह मंत्री की अध्यक्षता में बनी समिति ने उड़ीसा, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के धर्मांतरण कानून का बारीकी से अध्ययन किया. 52 बैठकों के बाद छत्तीसगढ़ के सामाजिक और भौगोलिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है. सरकार का दावा है कि यह कानून राज्यों में लागू मौजूदा कानूनों से ज्यादा स्पष्ट और कड़ा होगा.
भाजपा बोली, बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ, सरकारी आंकड़े कुछ और
धर्मांतरण का मुद्दा राजनीतिक रूप से हमेशा संवेदनशील रहा है. बीजेपी का आरोप है कि बस्तर और सरगुजा में वर्षों से बड़े पैमाने पर सुनियोजित धर्मांतरण हुआ है. वहीं सरकारी आंकड़े इससे बिल्कुल उलट हैं. वर्ष 2021 से 2025 के बीच अवैध धर्मांतरण से जुड़ी कुल शिकायतें 100 से कम दर्ज की गई हैं. इनमें से कई मामलों में एफआईआर हो चुकी है और कुछ में जांच जारी है.
कब कहां आई धर्मांरतण की शिकायत?
- सत्र 2021-22 में अवैध धर्मांरतण को लेकर रायपुर में 05, महासमुंद में 10, धमतरी में 01, दुर्ग में 06, बालोद में 01, सरगुजा में 01, जशपुर में 06, बस्तर में 01 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 09 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- सत्र 2022-23 दुर्ग जिले में 01, जांजगीर-चांपा जिले में 02, कोरबा जिले में 06, बलरामपुर जिले में 02 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 03 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- सत्र 2023-24 में दुर्ग जिले में 01, बालोद जिले में 01, बिलासपुर जिले में 01, जांजगीर-चांपा जिले में 03, कोरबा जिले में 07, बलरामपुर जिले में 02, कोरिया जिले में 01 शिकायत प्राप्त हुई, जिनमें से 09 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए.
- सत्र 2024-25 में धर्मांतरण को लेकर रायपुर में 03, महासमुंद जिले में 01, दुर्ग जिले में 01, बालोद जिले में 03, कबीरधाम जिले में 01, बिलासपुर जिले में 08, जांजगीर-चांपा जिले में 05, कोरबा जिले में 07, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 02, बलरामपुर जिले में 10, सूरजपुर जिले में 01, दंतेवाड़ा जिले में 01 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 23 प्रकरणों में प्रकरण पंजीबद्ध कर 01 प्रकरण में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई.