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कोरिया जिले में अभी तक खरीदी केंद्रों से नहीं हुआ धान का उठाव, हर बोरी में 2 किलो वजन कम, समिति ने दिया ये तर्क

Chhattisgarh Koriya News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों से अभी तक धान का उठाव नहीं हुआ है. जिसकी वजह से तरह-तरह की समस्याएं आ रही हैं. करीब तीन महीने बाद धान का उठाव होने के चलते धार की बोरियों का वजन कम आ रहा है.

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कोरिया जिले में अभी तक खरीदी केंद्रों से नहीं हुआ धान का उठाव, हर बोरी में 2 किलो वजन कम, समिति ने दिया ये तर्क
कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों में धान खुले में पड़ा हुआ है.

Korea News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले (korea) में धान खरीदी केंद्रों में रखी धान अब सहकारी समितियां के लिए मुसीबत बन गया है. समिति केंद्रों (Cooperative Societies) में लगभग तीन लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा है. लंबे समय से धान खुले में पड़े होने के चलते इसके वजन में भी अंतर आ रहा है. समितियों का कहना है कि चूहों और मौसम से हो रहे नुकसान के चलते वजन में कमी आ रही है. वहीं धान उठाव को लेकर जिला प्रशासन (Korea District Administration) का कहना है कि करीब 27 प्रतिशत ही धान खुले में पड़ा है. लगातार शासन से बात करने के बाद अब अंतर राज्य डीओ कटना शुरू हो गया है जिसके बाद अब मिलर के माध्यम से धान उठाव तेज किया जाएगा.

धान उठाव की समय सीमा समाप्त 

धान उठाव की समस्या को लेकर समिति प्रबंधकों का कहना है कि खरीदी बंद होने के लगभग 2 महीने के भीतर ही समिति केंद्रों से धान उठाव करना था. खरीदी बंद होने के तीन महीने बाद भी केंद्रों में खरीदा गया धान खुले में रखा है. मौसम की मार, धूप, गर्मी, बेमौसम बरसात के बाद भी विपणन संघ, जिला सहकारी विक्रेता कर्मियों से उतने ही धान की मांग करता है, जितनी डेढ़ महीने पहले खरीदा गया था. खरीदी बंद हुए दो महीने बीत चुके हैं,  लेकिन जिले के 22 केंद्रों में से अधिकांश में धान रखा है. खरीदी के समय केंद्र प्रभारियों को अधिकतम 17 प्रतिशत फसल में नमी की मात्रा की खरीदी जाती है. तेज धूप व गर्मी में नमी 17 प्रतिशत से घटकर 14 से 15 तक पहुंच जाती है. इससे प्रति बोरी 1 से डेढ़ किलो तक वजन में कमी आती है. वहीं, बेमौसम बारिश से पानी पड़ने पर धान अंकुरित हो जाता है.

बारिश के चलते धान भींगने से अंकुरित हो गई है.

खुले में पड़ी धान बारिश में भींगने से अंकुरित हो गई है.

हर बोरी में 2 किलो कम हो रहा वजन

मौसम और चूहों के कारण हो रहे नुकसान से समिति प्रबंधक परेशान हैं. समिति प्रबंधकों का कहना है कि हर बोरी में लगभग 2 किलो वजन की कमी आ रही है. धान रखने के लिए दी गई बोरी का वजन आधा किलो रहता है, लेकिन धान उठाते समय बोरी का वजन 650 ग्राम काट लिया जाता है. यानी प्रति बोरी 150 ग्राम का नुकसान केंद्र प्रभारी को होता हैत. संघ के अध्यक्ष अजय साहू समेत अन्य समिति प्रबंधकों ने पहले भी शासन-प्रशासन को पत्र सौंपकर धान उठाव करने की मांग की थी. नियमों के तहत खरीदी 72 घंटे के भीतर हो जानी चाहिए थी. प्रबंधकों का कहना है कि धान उठाव नहीं हुआ है, ऐसे में शार्टेज के जिम्मेदार वे नहीं होंगे.

अंतर राज्य डीओ से जल्द होंगे उठाओ 

इस संबंध में जिला कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा लगातार शासन तक धान उठाव में हो रही समस्याओं की बात पहुंचाई गई है. जिसके बाद अब अंतर राज्य डीओ कटना शुरू हो चुका है जल्द ही मिलरों के माध्यम से समिति केंद्रों से धान उठाव तेज होगा.

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