CG Land Expensive: छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा जमीनों की सरकारी गाइडलाइन दरों में भारी बढ़ोतरी किए जाने के बाद से बवाल थम नहीं रहा है. राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में ज़मीन कारोबारियों ने इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज़ कर दिया है. इस विरोध ने तब राजनीतिक रंग ले लिया जब दुर्ग में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का काफिला रोक दिया और कांग्रेस ने भी सरकार के इस "मनमाने" फैसले पर कारोबारियों को समर्थन दे दिया है. अब ये जान लेते हैं कि आखिर हुआ क्या है?
10% से 900% तक की भारी छलांग !
सवाल ये है कि जमीन कारोबारियों में गुस्सा क्यों है? इसकी सबसे बड़ी वजह है—दरों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी. सरकार ने अलग-अलग इलाकों और ज़मीन के हिसाब से ये रेट बढ़ाए हैं. जो कम से कम 10 प्रतिशत से शुरू होकर 900 प्रतिशत तक गए हैं. जब ज़मीन का सरकारी रेट इतना बढ़ जाएगा, तो ज़ाहिर है कि इसे खरीदना और बेचना दोनों ही बहुत महंगा हो जाएगा. इसी को लेकर अलग-अलग हलकों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.
दुर्ग में बीजेपी अध्यक्ष का काफिला रोका
विरोध प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश के कई इलाको में हो रहा है.राजधानी के अलावा, दुर्ग, बिलासपुर, भिलाई जैसे बड़े शहरों में भी ज़मीन कारोबारियों,बिल्डरों और आम लोगों ने आवाज़ उठानी शुरू कर दी है. दुर्ग में तो प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का काफिला रोक लिया. काफिला रोके जाने के बाद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव को रुकना पड़ा. उन्होंने प्रदर्शनकारियों की बातें सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा.
रायपुर कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन
जमीन कारोबारियों के इस प्रदर्शन को अब कांग्रेस का भी खुला समर्थन मिल गया है. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव दिलीप सिंह चौहान ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने पूरी तरह से मनमाने ढंग से नई गाइडलाइन दरें निर्धारित की हैं. यानी, कांग्रेस अब इस विरोध में व्यापारियों के साथ खड़ी दिख रही है.
बीजेपी ने दिया अपने फैसले का 'तर्क'
इस विरोध के बीच सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने फैसले को सही ठहराया है. बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी का कहना है कि यह निर्णय पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए नियमों पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के कुछ नियम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे, इसलिए आम जनता के फायदे को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है.हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अगर किसी को इस निर्णय पर कोई आपत्ति है, तो सरकार उनके विचार सुनने के लिए तैयार है और उसके द्वार खुले हैं. पूरे प्रदेश में इस तरह के भारी विरोध को देखते हुए अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं. क्या सरकार अपने इस कड़े फैसले को वापस लेगी, या फिर विरोध को देखते हुए दरों में कोई संशोधन करेगी?
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