
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election Second Phase Voting) के लिए शुक्रवार, 17 नवंबर को 70 सीटों पर दूसरे और अंतिम चरण का मतदान शुरू हो गया. राज्य में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि दूसरे चरण में 1,63,14,479 मतदाता हैं. इस चरण में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आठ मंत्रियों और चार सांसदों समेत 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा.
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राजिम जिले की नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ सीट के नौ मतदान केंद्रों-- कामरभौदी, आमामोरा, ओढ, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो दोपहर बाद तीन बजे समाप्त होगा. अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक है.
उन्होंने बताया कि रायपुर शहर पश्चिम सीट पर सबसे अधिक 26 उम्मीदवार हैं, जबकि डौंडीलोहारा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार मैदान में हैं. अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 70-70 उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस से और 43 उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (आप) से है. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से 62, हमर राज पार्टी के 33, बहुजन समाज पार्टी से 43 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में कुल मतदाताओं में से 81,41,624 पुरुष, 81,72,171 महिलाएं और 684 तीसरे लिंग के मतदाता हैं. दूसरे चरण के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. अधिकारियों ने आगे बताया कि इन मतदान केंद्रों में से 700 संगवारी बूथ हैं जिनका प्रबंधन महिला मतदान कर्मियों द्वारा किया जाएगा. रायपुर उत्तर विधानसभा सीट एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां सभी मतदान केंद्रों पर महिला अधिकारी और कर्मचारी ही तैनात हैं जो मतदान कार्य संपन्न कराएंगी.
अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मतदान के लिए कुल 90,272 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है. राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, बिलासपुर संभाग की कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. इस संभाग की कुछ सीटों पर जोगी की पार्टी और बसपा की अच्छी-खासी मौजूदगी है. वहीं आप भी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
भूपेश बघेल से लेकर ताम्रध्वज साहू तक...दिग्गज नेता के साख दांव पर
दूसरे चरण में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन), विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (सक्ती), उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण) और रवींद्र चौबे (साजा) सहित राज्य के आठ मंत्रियों के भाग्य का फैसला आज होगा.
बीजेपी के कई दिग्गज नेता मैदान में
वहीं भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार हैं.
भतीजे के सामने जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे भूपेश बघेल?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी पारंपरिक पाटन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां भाजपा ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी के सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के पाटन से मैदान में उतरने से मुकाबले में एक और आयाम जुड़ गया है. अंबिकापुर में टी एस सिंह देव के खिलाफ भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
पिछले चुनाव में मात्र 13 सीटों पर ही निपट गई थीं भाजपा
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने इन 70 निर्वाचन क्षेत्रों में से 51 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को चार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटों पर जीत मिली थी. बाद में कांग्रेस ने उपचुनाव में एक और सीट जीत ली थी.
सट्टेबाजी ऐप घोटाले का लगा बघेल पर आरोप
राज्य में इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और दूसरे चरण से पहले उन्होंने चार बड़ी रैलियों को संबोधित किया. भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा स्मृति ईरानी ने भी बड़े पैमाने पर प्रचार किया. इस दौरान उन्होंने सट्टेबाजी ऐप घोटाले, धर्मांतरण और तुष्टिकरण की राजनीति को लेकर मुख्यमंत्री बघेल पर हमला बोला और सत्ताधारी दल कांग्रेस पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया.
इधर, कांग्रेस की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री बघेल ने सत्ताधारी दल के लिए अभियान का नेतृत्व किया और जवाबी हमला करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी गरीबों के हित के बारे में सोचती है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र केवल अमीरों के कल्याण के लिए काम करता है.
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राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया.
विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ताधारी दल कांग्रेस ने कुल 90 में से 75 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वहीं भाजपा राज्य में सत्ता में वापसी करना चाहती है. भाजपा ने यहां 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक राज किया है.
सूबे में 20 सीटों पर पहले चरण का चुनाव सात नवंबर को हुआ था, जिसमें 78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीटें मिली थी और भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी. उस चुनाव में जेसीसी (जे) को पांच और बसपा को दो सीटें मिली थी. कांग्रेस की मौजूदा ताकत 71 है.