
Chhattisgarh 1.90 crore fraud: जशपुर पुलिस ने ठगी के एक अनोखे और हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा किया है. यह ठगी एक 'जादुई लोटे' के नाम पर की जा रही थी. ठगों ने लोगों को विश्वास दिला रखा था कि यह लोटा उनकी किस्मत बदल सकता है और उन्हें अमीर बना सकता है. इस अजीबो-गरीब ठगी के खेल में चार आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो भोलेभाले आदिवासियों को ठगने का धंधा चला रहे थे. उनकी यह धोखाधड़ी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई और जशपुर पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. ठगों ने आरपी ग्रुप के नाम पर कम्पनी की सदयस्ता और प्रोसेसिंग फीस भी लिया था.
जादुई कलश के नाम पर 1.90 करोड़ की ठगी
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि पत्थलगांव थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में एक आरपी ग्रुप नाम की कंपनी स्थापित की गई थी. इसके मुख्य संचालक तुरेंद्र कुमार दिव्य उर्फ मनीष कुमार दिव्य और राजेंद्र कुमार दिव्य हैं. इन दोनों ने प्रकाश चंद्र धृतलहरे और उपेन्द्र कुमार सारथी के साथ मिलकर लोगों को यह बोलकर झांसे में लिया गया कि कोरबा जिले के मंडवारानी में एक जादुई लोटा मिला है. इसे भारत सरकार के द्वारा दुबई में बेचा जाएगा. इस जादुई लोटा से जो मुनाफा होगा उस राशि को आर. पी. ग्रुप कंपनी के सदस्यों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा.
सिक्योरिटी मनी और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी
हर सदस्य को 1 से 5 करोड़ रुपये तक मिलेंगे. आरोपियों के इस झांसे में आकर लोगों ने भी सिक्योरिटी मनी और प्रोसेसिंग फीस के रूप में 25000 रुपये जमा कर दिए. बता दें कि आरोपियों ने वर्ष 2021 से 2024 तक हजारों लोगों से ठगी की गई. इन आरोपियों ने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की.
हालांकि जब लोगों को धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उन्होंने पत्थलगांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इस शिकायत के बाद पत्थलगांव पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420,34 के तहत मामला दर्ज किया और जांच-पड़ताल शुरू कर दी.
वहीं जशपुर पुलिस ने सरगुजा संभाग के विभिन्न जिलों के पीड़ित ग्रामीणों से पूछताछ की, तो पता चला कि आरोपियों के द्वारा लगभग 1 करोड़ 94 लाख रुपये की ठगी की गई थी. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष पुलिस टीम गठित की गई. इस टीम ने आरोपियों की तलाशी के लिए बिलासपुर, कोरबा और सीतापुर पहुंची.
जशपुर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया
आर. पी. ग्रुप कंपनी के मुख्य संचालक राजेंद्र कुमार दिव्य, तुरेंद्र उर्फ मनीष कुमार दिव्य सहित उनके सहयोगी प्रकाश चंद्र धृतलहरे और उपेन्द्र कुमार सारथी को हिरासत में लिया गया.
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक अन्य साथी जिसका नाम महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर के द्वारा उन्हें बताया गया था कि उसके पास एक कलश है, जो कि काफी महंगे धातु का बना है. उसमें जादुई लक्षण हैं, जो कि चावल को भी खींच लेता है. उक्त कलश की विदेशों में कीमत अरबों रुपये में है. इस कलश को वो अकेला नहीं ले सकता है. कलश की बिक्री से उसे जो भी रकम मिलेगा, उसको अन्य लोगों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा. उसके द्वारा एक आर. पी. ग्रुप नाम की कंपनी बनाई गई है. महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को आर. पी ग्रुप का मुख्य (हेड) बनाया गया और उनके द्वारा अन्य बीस लोगों को ग्रुप में जोड़ने के लिए कहा गया.
मुख्य मास्टरमाइंड अब भी फरार
पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों के द्वारा बिलासपुर और रायगढ़ संभाग के अलग-अलग जिलों में हजारों ग्रामीणों से आधार कार्ड, पेन कार्ड और फोटो लेकर आर. पी. ग्रुप कंपनी से जोड़ा गया. साथ ही वाई सी. नॉमिनी और सिक्योरिटी मनी और प्रोसेसिंग फीस के रूप में प्रति व्यक्ति 25000 रुपये, 50000 रुपये, 70000 रुपये तक वसूली की गई.
आरोपियों ने जादुई कलश के नाम पर ग्रामीणों को प्रलोभन देकर करीबन 01 करोड़ 94 लाख रुपये की ठगी . मामले में पुलिस की जांच जारी है. आरोपी महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर सहित एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है.