
CG Vyapam Exam: देश में इस समय 'मुफ्त' शब्द पर ऐसी दौड़ मची है, मानो कोई दौड़ प्रतियोगिता हो और सरकारें अपने-अपने धावकों को मुफ्त-मुफ्त कहकर दौड़वा रही हों. सरकारें मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त राशन से आगे बढ़कर अब मुफ्त परीक्षाएं भी दे रही हैं. लेकिन मुफ्त की चीज की किसे कद्र होती है? छत्तीसगढ़ में शिक्षा भी इस दौड़ में शामिल हो गई और छत्तीसगढ़ व्यापम (CG Vyapam) ने परीक्षाओं (Free Exam) को मुफ्त कर दिया, लेकिन कहानी में ट्विस्ट आ गया. लोग मुफ्त का फॉर्म भर तो रहे हैं, मगर परीक्षा देने नहीं आ रहे.
क्या है मामला?
व्यापम ने सोचा था कि बच्चों के सपनों की कीमत हटा दी जाए, लेकिन बच्चों ने सपने देखना ही छोड़ दिया. छत्तीसगढ़ व्यापम ने परीक्षा शुल्क माफ कर दिया, तो आवेदन करने वालों की बाढ़ आ गई-जैसे शादी में फ्री का खाना देखकर दूर-दूर के रिश्तेदार पहुंच जाते हैं. लेकिन जब असली इम्तिहान देने की बारी आई, तो 23 मार्च को हुई मत्स्य निरीक्षक परीक्षा में महज 9% परीक्षार्थी ही परीक्षा केंद्र तक पहुंचे. बाकी 91% ने शायद सोचा होगा कि फ्री वाली परीक्षा देने से अच्छा है, घर पर बैठकर मछली पकाई जाए.
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इनकी माने तो फॉर्म भरना स्टेटस सिंबल हो गया, जैसे कोई सोशल मीडिया पर अकाउंट बना ले लेकिन कभी पोस्ट न करे. व्यापम का जवाब सुनिये, कुछ ऐसा कि सरकार नौकरी देगी, लेकिन लोग लेने नहीं आएंगे और अधिकारी बस कंधे उचका देंगे.
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व्यापम का कहना है?
जॉइंट एग्जाम कंट्रोलर केदार पटेल का कहना है कि "मतस्य निरीक्षक परीक्षा में 21 हजार लोग ने आवेदन किया था सिर्फ 1900 लोग परीक्षा में शामिल हुए जो 9 प्रतिशत है, परीक्षा में शामिल ना होने की वजह पर कुछ नहीं बोल सकते, लेकिन व्यापम की दूसरी परीक्षा में 50 से 55 फीसदी लोग शामिल होते है."
जरा आंकड़ों पर नजर डालिए

CG Vyapam: Free Exam Data
Photo Credit: Ajay Kumar Patel
एक्सपर्ट का क्या कहना है?
शिक्षाविद राजीव गुप्ता का कहना है कि नि:शुल्क परीक्षा बेरोजगार के लिए फायदेमंद है, लेकिन शासन को नुकसान होता है. शासन को घाटे से बचने के लिए रेलवे की तरह शुल्क लेना चाहिए और जो परीक्षा दे उन्हें शुल्क वापस कर दे, इससे सही लोग ही परीक्षा फॉर्म भरेंगे.
वहीं इस मामले में को लेकर BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि पिछली सरकार का ये फैसला था मतस्य निरीक्षक की परीक्षा से साफ़ में 1900 लोगों का परीक्षा देन ये दर्शाता है की लोग नि:शुल्क होने की वजह से आवेदन कर देते है, लेकिन परीक्षा नहीं देने जाते है उनकी सरकार जल्द सभी के हित में फैसला लेगी.
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