
CBI Raid: महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले (Mahadev Book Online Betting Scam) की जांच में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से 26 मार्च को छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में 60 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है. इस मामले में राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुकिंग एप के प्रमुख पदाधिकारियों समेत इसमें शामिल संदिग्ध अन्य व्यक्तियों से जुड़े स्थान शामिल हैं. यह मामला महादेव बुक के अवैध संचालन से जुड़ा हुआ है, जो रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा प्रमोटेड एक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्म है.
#WATCH | Bhilai, Durg: CBI raids underway at the residence of former Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel in a case related to the Mahadev betting app pic.twitter.com/aUARCtV8Nu
— ANI (@ANI) March 26, 2025
CBI ने क्या कहा?
सीबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार जांच से पता चला है कि प्रमोटरों ने अपने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के सुचारू और बिना किसी बाधा के चलाने के लिए कथित तौर पर लोक सेवकों को "प्रोटेक्शन मनी" के रूप में पर्याप्त मात्रा में भुगतान किया. शुरुआत में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) रायपुर द्वारा दर्ज किए गए इस मामले को बाद में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका की व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था. वहीं तलाशी के दौरान डिजिटल और डॉक्यूमेंटेड साक्ष्य पाए गए हैं, इन्हें जब्त कर लिया गया है और तलाशी जारी है.

क्या है ये एप?
महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था. इस पर यूजर्स पोकर जैसे कार्ड गेम्स और अन्य गेम खेल सकते थे. इस एप के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी. इसकी शुरुआत 2019 को छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने की थी.
अब तक क्या हुआ?
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के मामले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी. राज्य सरकार ने पिछले साल सीबीआई को कथित महादेव घोटाले से संबंधित विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 70 मामले और राज्य में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सौंप दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है, जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था. ईडी ने पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे मारे थे और कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग एप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ अभियोजन शिकायतें (आरोप पत्र) दायर की थीं.
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