
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में धान खरीदी के बाद उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है जिसके चलते समिति प्रबंधकों की परेशानी बढ़ने लगी है. लक्ष्य से ज्यादा धान खरीदी होने की वजह से समितियों को धान की डिलीवरी आर्डर मिलने में देरी हो रही है. ऐसे में बदलते मौषम की वजह से धान खराब होने की संभावना भी बनी हुई है. अब जिला विपणन अधिकारी ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही समितियों को DO (Delivery Order) जारी करने की बात कही है.
जानिए किस वजह से खरीदी प्रबंधक हुए परेशान
बता दें जिले में इस साल 2023-24 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई है और जिले में 20 लाख 87 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया था जिसके एवज में जिले में कुल 25 लाख 85 हजार 980 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई है. इस साल जिले के समितियों में किसानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है... और यही वजह है की धान खरीदी समाप्त होने के बाद अब समितियों में धान का उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है जिससे धान खरीदी प्रबंधक परेशान है.
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मामले में अधिकारीयों ने कही समाधान की बात
उनका कहना है कि धान का उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है जिससे बदलते मौषम के कारण धान में नमी आ जाएगी. इससे धान के अंकुरित होने की संभावना बढ़ जाएगी. अगर ऐसा होता है तो धान में शार्टेज आ सकता है जिसकी रिकवरी समितियों से की जाएगी जिससे समिति प्रबंधकों को आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. वहीं, धीमी गति से धान उठाव को लेकर जिला विपणन अधिकारी ने बताया है कि जिले में अब तक 18 लाख 402 हजार क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. शेष बची हुई धान का उठाव करवाने के लिए लगातार राइस मिलरों से बात करके डिलवरी आर्डर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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