Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार (Balodabazar) जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजना बनाकर बच्चों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखते हुए मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था को खत्म किया है. इन्हें अपग्रेड कर सभी मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है.
ऐसी समस्या हो रही थी
बलौदा बाजार जिले में 75 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा था. जिसे अब मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया गया है. मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में सहायिका नहीं होती थी. इससे आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में कठिनाई हो रही थी. सिर्फ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के होने से अधिकतर समय आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर कार्यकर्ता को अन्य कामों के लिए जाना पड़ता था. लेकिन अब अपग्रेडेशन के बाद ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होगी. बता दें कि जिले के कसडोल विकासखंड में सर्वाधिक मिनी आंगनबाड़ी केंद्र थे.
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बढ़ेंगी सुविधाएं
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सरकार कुपोषण रोकने की दिशा में काम कर रही है. नौनिहालों, गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताओं को पोषण आहार और सुविधा देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अब आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाएं बढ़ा रहा है.
खाली पदों पर जल्द होगी नियुक्ति
महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी टिकवेंद्र जाटवर ने बताया कि बलौदा बाजार जिले में अब आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़कर 1587 हो गई है. संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में अभी भी सहायिका के 140 पद और कार्यकर्ता के 12 पद खाली हैं. इन खाली पदों में से 65 सहायिका के पद और 12 कार्यकर्ताओं के पद पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. जिन पर जल्द नियुक्ति की जानी है. वहीं शेष 75 सहायिका पदों पर भर्ती के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू होगी.
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दत्तक ग्रहण एजेंसी की व्यवस्था
अवांछित बच्चों के लिए जिले में दत्तक ग्रहण एजेंसी की व्यवस्था की जा रही है. महिला एवं बाल विकास विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करने जा रहा है. अवांछित बच्चों को लोग अभी तक खुले में फेंकते रहे हैं, उनका संरक्षण कर गोद दिलाए जाने का काम करने के लिए एजेंसी के माध्यम से प्रक्रिया शुरू की गई है.
इसके बाद न्यायालय के माध्यम से कानूनी रूप से मुक्त बच्चों को ऐसे माता-पिता को दिया जाएगा. अभी तक ऐसी प्रक्रिया रायपुर से ही संचालित हो रही थी. इसके साथ ही अस्पतालों, सीडब्ल्यूसी सहित अन्य जगहों पर झूले की व्यवस्था की जाएगी. जहां लोग अवांछित बच्चों को छोड़ सकेंगे.
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