
Chhattisgarh Congress News: छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा मामला हो जहां किसी एक नेता की लगातार तीन प्रदेश अध्यक्षों से शिकायत की गई हो और हर बार निष्कासन के बाद वापसी भी हो गई हो. यह अनूठा मामला बिलासपुर जिले का है, जहां पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते त्रिलोक श्रीवास को एक बार फिर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है.
लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतें
बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र से जुड़े त्रिलोक श्रीवास पर कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ कार्य करने के गंभीर आरोप लगे थे. 2008 के विधानसभा चुनाव से लेकर हाल ही में संपन्न हुए 2025 के नगरीय निकाय चुनाव तक उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें लगातार प्रदेश कांग्रेस कमेटी को मिलती रहीं.
तीन प्रदेश अध्यक्षों तक पहुंची शिकायतें, फिर भी होती रही वापसी
- 2008 व 2013: कांग्रेस प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव ने त्रिलोक श्रीवास पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगाकर तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष को शिकायत सौंपी.
- 2018: बेलतरा विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को लिखित शिकायत दी.
- 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल से शिकायत की.
- 2022: ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के तीन अध्यक्षों ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से त्रिलोक श्रीवास की गतिविधियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की.
- 2025: बिलासपुर नगर निगम चुनाव में वार्ड 68 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने परिवारजन को चुनाव लड़वाने और कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने पर जिला कांग्रेस कमेटी में शिकायत दर्ज की गई.
छह साल के लिए निष्कासन, पार्टी ने लिया बड़ा फैसला
लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और अन्य संगठन पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर त्रिलोक श्रीवास को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
चुनावी हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका
त्रिलोक श्रीवास पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ काम कर कई बार कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया. हालिया निकाय चुनाव में भी उनके कारण कांग्रेस को वार्ड 68 में हार का सामना करना पड़ा, जिससे संगठन की छवि धूमिल हुई.
बड़ा सवाल: आखिर इतनी देरी क्यों?
कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में कार्यकर्ताओं की मेहनत से आती है, लेकिन फिर भी पार्टी संगठन ऐसे अनुशासनहीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी करता रहा. अब जब पार्टी ने त्रिलोक श्रीवास को निष्कासित कर दिया है, तो यह देखना होगा कि इससे पार्टी संगठन में कितना सुधार आता है और अनुशासनहीनता पर कितना अंकुश लगता है.
फिलहाल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को इस निष्कासन की जानकारी भेजी जा चुकी है.
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