विज्ञापन
This Article is From Jan 06, 2025

खूबसूरती का खजाना है छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला! शांति के साथ मिलेगा सुकून, सोचिए मत इस वीकेंड घूम आइए

Best Tourist Places in Chhattisgarh: बिलासपुर जिला न केवल इतिहास, संस्कृति और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी दिल जीत लेती है. ताला, लुतरा शरीफ, कानन पेंडारी, मल्हार, रतनपुर और खूंटाघाट जैसे पर्यटन स्थल इसे छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाते हैं.

खूबसूरती का खजाना है छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला! शांति के साथ मिलेगा सुकून, सोचिए मत इस वीकेंड घूम आइए

Bilaspur Visiting Places: प्रकृति और संस्कृति का संगम छत्तीसगढ़ का बिलासपुर अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है. यह क्षेत्र न केवल अपनी पुरातात्विक संपत्तियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. 

बिलासपुर की प्राकृतिक सुंदरता दिल जीत लेती है. ताला, लुतरा शरीफ, मल्हार, रतनपुर, कानन पेंडारी और खूंटाघाट जैसे पर्यटन स्थल इसे छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाते हैं. यदि आप इतिहास, धर्म और प्रकृति का एक साथ अनुभव करना चाहते हैं, तो बिलासपुर की यात्रा जरूर करें.

पुरातत्व प्रेमियों की पहली पसंद है ताला

बिलासपुर जिले के अमेरिकापा गांव के पास मनियारी नदी के तट पर ताला स्थित है. यह स्थल 7वीं-8वीं शताब्दी ईस्वी के ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए है. ताला की खोज 1873-74 में प्रसिद्ध पुरातत्वविद अलेक्जेंडर कनिंघम के सहायक जे.डी. वेलगर ने की थी.

देवरानी-जेठानी मंदिर

ये शिव मंदिर दक्षिण कोसल के शरभपुरीय राजाओं के शासनकाल में बनवाए गए. मंदिरों की मूर्तिकला और वास्तुकला उत्कृष्ट है.

देवरानी मंदिर में मिली यह मूर्ति अनोखी और आकर्षक है. इसे कई जीव-जंतुओं के अंगों का उपयोग करके बनाया गया है. मूर्ति की ऊंचाई 2.7 मीटर है और यह भगवान शिव के विविध रूपों को प्रदर्शित करती है. सरगांव में धूमनाथ का मंदिर और मल्हार जैसे पुरातात्विक स्थल भी यहां से नजदीक हैं.

धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक है लुतरा शरीफ

बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह, जिसे लुतरा शरीफ के नाम से जाना जाता है, छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्यटन में एक खास स्थान रखती है. यह दरगाह सभी धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए एकता और सौहार्द्र का प्रतीक है.

यहां सालभर श्रद्धालुओं और पर्यटकों का तांता लगा रहता है. दरगाह में मन्नतें मांगने और चमत्कारी अनुभवों की कहानियां इसे और भी खास बनाती हैं.

पुरातत्व का खजाना है मल्हार

मल्हार बिलासपुर से लगभग 14 किमी की दूरी पर मस्तूरी के पास स्थित है. यह स्थल ताम्रपाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक के ऐतिहासिक धरोहरों का केंद्र है. मल्हार में खुदाई के दौरान ब्राह्मी लिपि में लिखित मुद्राएं और ताम्रपत्र मिले हैं. यहां सातवीं से दसवीं शताब्दी की मूर्तियां और बौद्ध स्मारक भी पाए गए हैं. भीम-किचक मंदिर और दाई डिडिनेश्वरी मंदिर यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं.

आदिशक्ति महामाया का पवित्र नगर रतनपुर

बिलासपुर से लगभग 25 किमी दूर रतनपुर, कलचुरी राजवंश की प्राचीन राजधानी है. इसे चतुर्युगी नगरी कहा जाता है, जिसका अस्तित्व चारों युगों से माना जाता है. महामाया देवी मंदिर 11वीं शताब्दी में राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था.
देवी सती का स्कंध यहां गिरा था, इसलिए यह कौमारी शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है. नवरात्रि के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

परिवार संग घूमने का खास स्थान है कानन पेंडारी चिड़ियाघर

बिलासपुर-मुंगेली रोड पर स्थित कानन पेंडारी एक छोटा लेकिन आकर्षक चिड़ियाघर है. यहां कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी देखे जा सकते हैं. परिवार और बच्चों के लिए यह एक आदर्श पिकनिक स्थल है. यहां तक पहुंचने के लिए सिटी बस की सुविधा उपलब्ध है.

प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र खूंटाघाट 

रतनपुर से 4 किमी की दूरी पर स्थित खूंटाघाट, खारंग नदी पर बना एक खूबसूरत जलाशय है. यह बांध चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए आदर्श बनाता है. यहां एक सुंदर बगीचा भी है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है.

ये भी पढ़े:  सरकार ने हाई कोर्ट से मांगा समय, अब 6 सप्ताह बाद पीथमपुर में कचरा निपटान पर होगी सुनवाई

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close