Farmers News: छत्तीसगढ़ में कोरिया जिला मुख्यालय (Korea District) बैकुंठपुर में नहर की जमीन को फर्जी तरीके से हड़प कर इस पर कॉलोनी बसा ली गई है. इस मामले की शिकायत जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) ने सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है. इसके बावजूद भी अब तक नहर की जमीन से अतिक्रमण (Encroachment on Canal Land) हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बैकुंठपुर क्षेत्र में कई जगह नहर पर अवैध कब्जा है. वर्षों के बाद भी विभाग ने नहर से कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू नहीं की है.
इनके खिलाफ हुई है शिकायत
महलापारा में नहर की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई अग्रवाल सिटी के खिलाफ जल संसाधन विभाग ने पुलिस थाना (Police Station) में बिल्डर (Builder) संजय अग्रवाल और बिल्डर की पत्नी सीमा अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कराया था. मामला न्यायालय (Court) में चल रहा है, लेकिन नहर कब्जा मुक्त नहीं हो सकी.
91 किमी में नहर का बिछाया था जाल
जिला मुख्यालय में दो मध्यम सिंचाई परियोजना (Medium Irrigation Project) से 91 किमी में नहर का जाल बिछाया गया था, लेकिन 5 फीसदी नहर पर कब्जा है, जिससे नहरें विलुप्त होने लग गई हैं. शहरी क्षेत्र में गेज व झुमका डैम (Jhumka Dam) से निकली नहर पर सबसे अधिक अतिक्रमण किए गए हैं. हर्रापारा में गेज के नहर पर आंगनबाड़ी भवन बना दिया गया है. वहीं इसके आसपास करीब एक आधे किमी दायरे में नहर गायब है. नहर पाटे जाने से खेतों तक खरीफ और रबी फसल के लिए पानी नहीं पहुंच रहा है. इस वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. वहीं उनके खेत भी सूख रहे हैं.
कब्जे से 40 किमी नहर जाम
नहर पर कब्जे से किसानों को सिंचाई लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिला मुख्यालय के ग्राम कसरा, कंचनपुर, जामपारा, मोदीपारा, चेर, सलका, सलवा, महलपारा, जामपारा, मझगवां समेत आसपास के दर्जनभर गांव में सिंचाई लाभ नहीं मिल पा रहा है. यदि नहरों से पानी मिले तो 600 हेक्टेयर में 22 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं का उत्पादन हो सकता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 40 किलोमीटर नहर जाम हो गई है.
नहर की जमीन पर होता रहा कब्जा, देखते रहे अफसर
ग्राम भांड़ी में सिलफोड़ा की माइनर नहर भी पर कब्जा कर मकान बना लिया गया है. वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिट्टी पाटकर चौक का निर्माण भी करवाया था. इससे नहर का नामोनिशान मिट गया है. सिंचाई विभाग (Irrigation Department) अब तक नहर को कब्जा मुक्त नहीं करवा सका है. जिला मुख्यालय में झुमका, गेज समेत अन्य जलाशयों की अधिकांश नहरें अतिक्रमण के चपेट में हैं या विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं.
कब्जा हटाने के लिए कर रहे प्रयास : EE
जल संसाधन विभाग के ईई ए टोप्पो ने कहा कि नहर की जमीन पर कब्जा होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है, वहीं लोगों के द्वारा नहर की जमीन पर कब्जा किए जाने को लेकर प्रकरण बनाया जा रहा है, जल्द ही इस संबंध में कार्यवाही की जाएगी.
यह भी पढ़ें :