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This Article is From Oct 21, 2023

BJP की डबल इंजन सरकार में बढ़ा नक्सलवाद, हमने इसे कम करने के लिए किए कई प्रयास : भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि 2014 और 2018 के बीच भाजपा की डबल इंजन की सरकार के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही थी. बघेल ने दावा किया कि उनकी सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा की तीन-आयामी रणनीति ने माओवादियों को पीछे धकेल दिया है.

BJP की डबल इंजन सरकार में बढ़ा नक्सलवाद, हमने इसे कम करने के लिए किए कई प्रयास : भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी आलाकमान करेगा. (फाइल फोटो)

Chhattisgarh Elections 2023: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य में नक्सलवाद (Naxalism in Chhattisgarh) को रोकने में कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने ये भी कहा कि 2014 और 2018 के बीच भाजपा की डबल इंजन (BJP Double Engine Government) की सरकार के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही थी. बघेल ने दावा किया कि उनकी सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा की तीन-आयामी रणनीति ने माओवादियों को पीछे धकेल दिया है.

मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी करेगी

'पीटीआई-भाषा' को दिए एक इंटरव्यू में भूपेश बघेल ने कहा कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने पर वह मुख्यमंत्री (Chief Minister Face in Chhattisgarh) बने रहेंगे या नहीं, इस बात का फैसला पार्टी आलाकमान करेगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा.

सत्ताधारी दल कांग्रेस को उम्मीद है कि सरकार की किसान, आदिवासी और गरीब वर्ग की भलाई के लिए चलाई गई योजनाओं के कारण जनता का साथ मिलेगा. साथ ही पार्टी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता पर भी भरोसा है, जिनकी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और ग्रामीण मतदाताओं पर खासी पकड़ है.

चुनाव को प्रभावित करने की हो रही है कोशिश

इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए जा रहे घोटालों के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. केंद्र सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश रही है.

डबल इंजन सरकार के दौरान बढ़ीं नक्सल संबंधी घटनाएं

राज्य की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक नक्सली समस्या को लेकर बघेल ने कहा, "2014 और 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में भाजपा की डबल इंजन की सरकार थी, इस दौरान नक्सल संबंधी घटनाएं बढ़ीं. 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने विकास की रणनीति लागू की. क्षेत्र में विश्वास और सुरक्षा के परिणामस्वरूप नक्सलियों को पीछे जाना पड़ा. इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है. वे ही भड़काने वाले हैं. मणिपुर जल रहा है लेकिन वे वहां नहीं जा रहे हैं."

भूपेश बघेल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल के शासन में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 52 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा फिर से सत्ता में आती है तब इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी.

हमने कई कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं : बघेल

भूपेश बघेल ने कहा, "हम केवल बल के इस्तेमाल से नक्सलवाद से नहीं लड़ सकते. हमारे कार्यकाल में धुर नक्सली इलाकों में पुलिस शिविर खोले गए. जो शिविर 2009 से लंबित थे, उन्हें स्थापित किया गया. हमारी सरकार में 90 शिविर खोले गए और लगभग 600 गांवों को नक्सलवाद से मुक्त कराया गया." उन्होंने कहा, "हमने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 300 स्कूल फिर से खोले. हमने हजारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई हैं. हमने लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने की कोशिश की है और कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं."

हमारी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही : बघेल

घोटालों के आरोपों और ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, बघेल ने कहा कि ये उनकी सरकार को बदनाम करने का प्रयास है. उन्होंने कहा, "वे गोबर खरीद में 1,300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं. यह कैसे संभव हो सकता है क्योंकि अब तक 271 करोड़ रुपये का गोबर खरीदा गया है और पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किया गया है." मुख्यमंत्री ने कहा, "वे शराब घोटाले और नकली होलोग्राम के बारे में बात करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. नकली होलोग्राम कहां चिपकाया जाएगा? यह कारखानों में किया जाएगा, लेकिन वे फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि अन्य को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसका मतलब है कि आप ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं."

चुनाव को प्रभावित करने के लिए डराने की हो रही कोशिश

भूपेश बघेल ने कहा, "आप कहते हैं कि 2,161 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था. आप फैक्ट्री मालिकों को गिरफ्तार क्यों नहीं करते और उनसे पूछताछ क्यों नहीं करते? आप सिर्फ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं. पहले आईटी और फिर ईडी ने छापे मारे, इसलिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और मामले की सीबीआई से जांच का अनुरोध किया है. वे तीन साल में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे. उनका इरादा सिर्फ परेशान करना है, न्याय दिलाना नहीं है. वे सिर्फ चुनाव को प्रभावित करने के लिए डराने की कोशिश कर रहे हैं."

पनामा पेपर्स और चिटफंड घोटाले की जांच नहीं की गई

भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी निदेशक को पत्र लिखकर पिछली रमन सिंह सरकार के दौरान कथित चिटफंड घोटाले की जांच की मांग की थी, जो धन शोधन का मामला है, लेकिन कुछ नहीं किया गया. उन्होंने दावा किया कि पनामा पेपर्स मामले में कथित तौर पर रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का नाम आया है. बघेल ने राज्य में भाजपा के सत्ता में लौटने पर भ्रष्ट लोगों को उल्टा लटकाने की केंद्रीय गृह मंत्री की हालिया टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा, "अमित शाह जी को पहले रमन सिंह को उल्टा लटका देना चाहिए."

कांग्रेस के सत्ता में वापस आने पर होगी जाति जनगणना

यह पूछे जाने पर कि एक तरफ तो कांग्रेस ओबीसी को लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ एक मजबूत ओबीसी नेता यानी उन्हें अपने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश नहीं कर रही है, इस पर बघेल ने कहा, "हमने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित किया था, लेकिन यह राजभवन के पास लंबित है. राहुल गांधी जी ने कांग्रेस के सत्ता में वापस आने पर जाति जनगणना कराने का वादा किया है." 

उन्होंने कहा, "देश में जाति जनगणना के लिए माहौल बन रहा है, जिससे विभिन्न जातियों के वंचित लोगों को मदद मिलेगी. चाहे वह अनुसूचित जनजाति हो, अनुसूचित जाति हो, ओबीसी हो या उच्च वर्ग हो." उन्होंने कहा कि जो लोग विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उनकी पहचान जाति जनगणना के जरिए की जाएगी और सरकार उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाएगी. बघेल ने कहा, "जहां तक ओबीसी चेहरे के रूप में पेश करने की बात है तो राहुल गांधी जी की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार मुख्यमंत्री थे जिनमें तीन ओबीसी मुख्यमंत्री थे अशोक गहलोत, सिद्धरमैया और मैं."

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