Abujhmad Naxalites Area: छत्तीसगढ़ के बस्तर का अबूझमाड़ इलाका.... यह नक्सलियों के लिए सबसे बड़ा सेफ जोन था. दो दशकों में नक्सलियों ने इस इलाके में ऐसा आधिपत्य जमाया था कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था.इन इलाकों में घुसने के लिए नक्सलियों के परमिशन की ज़रूरत होती थी.लेकिन अब ये इलाका नक्सलियों के लिए अनसेफ होता जा रहा है.सुरक्षा बलों के अभियान ने नक्सलियों को पैर उखाड़ने के लिए मजबूर कर दिया है.सालभर के अंदर इस इलाके में पुलिस और सुरक्षाबलों ने मिलकर 130 नक्सलियों को ढेर कर दिया है.ऐसे में अब दावा है कि अबूझमाड़ के इलाके में सक्रिय नक्सलियों की इंद्रावती एरिया कमेटी कमज़ोर पड़ गई है.
बड़े कैडर के नक्सलियों का हुआ है सफाया
बस्तर में नक्सलवाद अंतिम सांसे ले रहा है.नक्सलियों का गढ़ और सुरक्षित ठिकाना रहे अबूझमाड़ में लगातार मुठभेड़ हो रही है.इसमें नक्सली मारे जा रहे हैं.इस साल जितनी मुठभेड़ हुई है उनमें नारायणपुर के अबूझमाड़ के इलाके में सबसे ज्यादा नक्सली मारे गए हैं. यहां से 130 नक्सलियों का सफाया हो गया है. इनमें कई बड़े कैडर के नक्सली शामिल हैं.
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नक्सलियों का सेफ जोन है अबूझमाड़
इस इलाके में ओडिशा,महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बड़े कैडर के नक्सली, सेन्ट्रल कमेटी के मेंबर तक जुटकर मीटिंग करते हैं.लेकिन अब सालभर से अबूझमाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों की पहुंच सबसे ज्यादा बढ़ी है. यहां पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान घुसकर नक्सलियों को एनकाउंटर में ढेर कर रहे हैं. नक्सलियों का सबसे सेफ जोन अब उनके लिए अनसेफ हो गया है.
सिर्फ नारायणपुर जिले में पिछले एक साल में 56 नक्सली मारे जा चुके हैं.ये आंकड़े अबूझमाड़ में नक्सलियों के विरूद्ध सुरक्षा बलों के प्रहार और सफलता को दर्शाता है.
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ऐसे बढ़ी पहुंच
इंद्रावती नदी के पार होने के कारण अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों का सबसे सेफ जोन हुआ करता था. सुरक्षाबलों के जवान भी 12 महीने इस इलाके में नहीं पहुंच पाते थे. लेकिन अब इंद्रावती नदी पर पाहुरनार घाट , बड़े करका घाट सहित बीजापुर जिले के अन्य घाटों पर पुल बनकर तैयार हो गया है. इसका फायदा न केवल इलाके के ग्रामीणों को हुआ है बल्कि नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षाबलों की पहुंच आसान हो गई है. अब 12 महीनें इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.
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