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गोठान बंद.. अब राज्य के हर ब्लॉक में बनेंगे गोधाम, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताई पूरी प्लानिंग 

Balodabazar News: गौवंश की घटती संख्या चिंता का विषय है. गौ को भारतीय संस्कृति में माता का दर्जा प्राप्त है .उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करना होगा.

गोठान बंद.. अब राज्य के हर ब्लॉक में बनेंगे गोधाम, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने बताई पूरी प्लानिंग 

Gaudham In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में गोठानों को बंद कर गोवंश संरक्षण के लिए सरकार की नई योजना शुरू हो रही है.गायों की देखरेख सुव्यवस्थित करने के लिए हर ब्लॉक में बनेंगे गोधाम बनेंगे. शनिवार को बलौदाबाजार में इसके लिए एक बैठक भी हुई. ये बैठक छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल ने ली. उन्होंने इस बार में विस्तार से पूरी जानकारी दी. 

200 गायों के रखने की होगी व्यवस्था

अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल ने कहा है कि गोठान योजना के स्थान पर अब राज्य सरकार “गौधाम योजना” शुरू करने जा रही है. इस योजना के तहत प्रत्येक विकासखंड में 10-10 स्थानों पर गोधाम बनाए जाएंगे,जहां दो-दो सौ गायों को रखने की व्यवस्था होगी. उन्होंने बलौदाबाजार प्रवास के दौरान ग्राम लटुवा में गौ ग्राम जनजागरण यात्रा में शामिल हुए और इसके बाद जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक और यज्ञशाला में खुले मंच को संबोधित किया .

घटती संख्या चिंता का विषय

उन्होंने कहा कि गौवंश की घटती संख्या चिंता का विषय है. गौ को भारतीय संस्कृति में माता का दर्जा प्राप्त है और उसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करना होगा. पटेल ने कहा कि गौवंश को “चलता फिरता रसायन शास्त्र” कहा जा सकता है. क्योंकि गोबर और गोमूत्र में औषधीय गुण होते हैं जो कई गंभीर बीमारियों के उपचार में सहायक हैं. बैठक में उन्होंने निराश्रित गोवंश के सर्वे, उनकी संख्या संकलन और बारिश के मौसम में सड़कों पर विचरण करने वाले मवेशियों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थलों की पहचान करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने पुलिस विभाग को अवैध रूप से गोवंश के परिवहन पर कड़ी निगरानी और संबंधितों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

पटेल ने स्पष्ट किया कि गोठान योजना में अनियमितताओं के चलते यह व्यवस्था विफल हुई. आदेश दिया गया था कि गायों को गोठानों में नहीं रखा जाए, लेकिन इसके कारण लोग घरों में भी गायें नहीं रख रहे हैं. अब ऐसी स्थिति में गोधाम योजना को लागू किया जा रहा है, जिससे संरक्षित ढंग से गायों की देखभाल की जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि जीर्ण-शीर्ण गोठानों को हटाकर गोधाम के लिए उपयुक्त स्थल चयन किया जाएगा और चारे की व्यवस्था के लिए नेपियर घास लगाई जाएगी.

इस दौरान गौशाला संचालकों ने घायल मवेशियों के उपचार के लिए वाहन उपलब्ध कराने और मृत पशुओं के अंतिम संस्कार के लिए  जमीन चिन्हित करने की मांग रखी. इस पर भी सकारात्मक विचार का भरोसा दिया गया.

 बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी ने पशु चिकित्सा विभाग के दो कर्मचारियों की सम्पर्क केंद्र में ड्यूटी लगाने और सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने गौ सेवा आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही.

छत्तीसगढ़ में बढ़ती गौ तस्करी पर उन्होंने कहा कि तस्करी बढ़ी नहीं है, बल्कि अब इस पर लगातार कार्रवाई होने से कम हो रही है. इस पर पूरी तरह से छत्तीसगढ़ में रोक लगाई जाएगी इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. 12 से अधिक स्थानों पर लगने वाले मवेशी बाजारों पर रोक लगा दी गई है. बलौदा बाजार के गणेशपुर और विश्रामपुर में जिस तरीके से कार्रवाई हुई है वह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने गौ अभ्यारण पर कहा कि सरकार पहले गौ अभ्यारण्य खोलना चाहती थी, लेकिन मनुष्य और गायों के बीच दूरी को देखते हुए अब गोधाम योजना शुरू करने का निर्णय ली है. इसके बाद भी अगर लगेगा तो गौ अभ्यारण्य खोला जाएगा.

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