
Anti Naxalites Operation Karregutta: छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है. कर्रेगुट्टा के पहाड़ी पर कई बड़े नक्सली घिरे हुए हैं. इससे नक्सल संगठन कांप गया है. इस पूरे ऑपरेशन को जारी रखने की अपील नक्सल पीड़ित परिवार के लोग कर रहे हैं. नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवार के लोगों ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर मांग की है कि इस ऑपरेशन को न रोका जाए. नक्सलवाद का समर्थन करने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों के खिलाफ UAPAके तहत कानूनी कार्रवाई की जाए.
दहशत में आ गए हैं नक्सली
दरअसल कर्रेगुट्टा में नक्सलियों को जवानों ने घेरा है. करीब 10 दिनों से यहां नक्सलियों के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान चल रहा है. इससे नक्सल संगठन पूरी तरह से कांप चुका है. महीने भर के अंदर नक्सल संगठन ने 4 बार पर्चा जारी कर शांति वार्ता की अपील की है. इस बीच तेलंगाना में भी CM के.चंद्रशेखर राव, शांति वार्ता समिति के सदस्यों ने भी मांग की है कि इस ऑपरेशन को रोका जाए. इस बीच नक्सल हिंसा पीड़ितों ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अपना पूरा दर्द बयां किया है.
पीड़ितों ने कहा है कि 4 दशक से नक्सलवाद का दंश झेलते हुए आ रहे हैं. इस कालखंड में नक्सलवाद के कारण हजारों निर्दोष बस्तरवासियों ने अपने प्राण गंवाए हैं. सैकड़ों गांव विस्थापित हुए हैं और अनगिनत परिवारों ने अपनों को खोया है.
ये भी पढ़ें
पीड़ितों ने कहा कि हालही में तेलंगाना छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा अभियान इस संघर्ष का निर्णायक चरण है. लेकिन दुख और चिंता का विषय है कि इसी निर्णायक क्षण पर PUCL, NAPM, CDRO, PUDR जैसी कुछ शहरी संस्थाएं और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी इस अभियान को रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इन परिवारों ने मांग की है कि बस्तर में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियानों को बिना किसा बाहरी हस्तक्षेप के जारी रखा जाए. कर्रेगुट्टा अभियान को न रोका जाए. नक्सलवाद का समर्थन करने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों के खिलाफ UAPA जैसे कड़े कानून में कार्रवाई की जाए.
ये भी पढ़ें बड़े ऑपरेशन से हिला नक्सल संगठन, पर्चा जारी कर ऑपरेशन रोकने कर दी अपील