Bilaspur News: दहेज प्रताड़ना (Dowry Harassment) और घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के मामले में अक्सर पति और उसके परिवार को सजा मिलती है. क्योंकि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के मामले में पुलिस प्रशासन और कोर्ट बेहद गंभीरता से सुनवाई करती है, लेकिन ऐसा कम ही होता है, जब महिला के साथ घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना जैसे मामलों में कोर्ट का फैसला पति या उसके परिवार वालों के पक्ष में आता हो. रेयर ऑफ द रेयर केस की कैटेगरी में रखे जाने लायक एक मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सामने आया है. महिला थाना बिलासपुर में पत्नी द्वारा अपने पति एवं उसके परिवार रिश्तेदार के खिलाफ 19 नवंबर 2022 को दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. कोर्ट में 09 दिसंबर 2022 को केस पेश होने के 2 वर्ष बाद बिलासपुर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा अपराध संदेहास्पद एवं झूठा पाया गया और आरोपियों को दोष मुक्त किया गया है.
अतुल सुभाष केस जैसा है मामला
इस दौरान पीड़ित पति और उसके परिवार की तरफ से कोर्ट में उनका पक्ष रखने वाले वकील सागर सोनी ने पूरे मामले को और भी रेलीवेंट व रोचक बना दिया, जब उन्होंने इस मामले की तुलना अतुल सुभाष के केस से की है. पत्नी और ससुराल वालों के प्रताड़ना से तंग आकर जिस तरह से अतुल ने आत्महत्या की और सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं, उसके ठीक उलट कोर्ट ने इस मामले में पति और पीड़ित परिवार को न्याय दिया है.
पत्नी के द्वारा लगाया गया आरोप झूठा पाया गया
बिलासपुर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा अपराध संदेहास्पद एवं झूठा पाया गया और आरोपियों को दोष मुक्त किया गया प्रार्थी और अभियुक्त दोनों का दूसरा विवाह हुआ था और अभियुक्त की पूर्व पत्नी से एक पुत्री भी थी अभियुक्त की पुत्री को प्रार्थीया द्वारा लगातार प्रताड़ित किया किया जाता रहा था.
दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा कई मामला
सामान्यतः यह देखा जा रहा है कि दहेज प्रताड़ना घरेलू हिंसा इत्यादि कई कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है अभियुक्त गणों की ओर से प्रतिनिधित्व करता के रूप में पैरवी अधिवक्ता सागर सोनी द्वारा की गई.
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