बलौदा बाजार में हुई हिंसा, आगजनी में गिरफ्तार अभियुक्तों से मिलने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बलौदा बाजार जिला जेल पहुंचे. यहां उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. इस दौरान प्रकरण में पुलिस के द्वारा लगभग 14820 पन्ने के 13 अभियोग पत्रों की खामियां निकली. इतना ही नहीं विवेचना और गवाह पर खुलासे करते हुए पुलिस की जांच पर सवाल उठाए.
अमित जोगी ने सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप
अमित जोगी ने बताया कि अभियोग पत्र में 11 कमियां हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की जांच पूरी तरह फर्जी और भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति से प्रेरित है. अमित ने कहा बलौदा बाजार पुलिस 10 जून 2024 को रात 9 बजे एफआईआर क्रमांक 377/2024 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पंजीबद्ध किया गया, लेकिन इसके मात्र आधे घंटे बाद 9:35 बजे टीआई सुहेला लखेश केवट किशोर नौरंगे समेत 10 अन्य आरोपियों के विरुद्ध नामजद सूचना दर्ज कराई.
186 आरोपी न्यायिक हिरासत में
इसी क्रम में डीआर में एफआईआर क्रमांक 377 से 393 के बीच में कुल 13 अलग-अलग एफआईआर 356 लोगों के खिलाफ दर्ज की है. इनमें से 186 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. दो आरोपी नाबालिक होने के कारण जमानत पर हैं. 86 आरोपी बलौदा बाजार जिला जेल में और शेष 98 आरोपी रायपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर केंद्रीय कारावास में निरुद्ध हैं.
अमित जोगी ने बताया कि एफआईआर क्रमांक 386/2024 में आरोपी ओमप्रकाश बंजारे और भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को छोड़ सभी शेष एफआईआर में आरोप पत्र दाखिल हैं और शेष सभी आरोपियों के विरुद्ध पुलिस की जांच पूरी है.
आवेदन की नहीं है प्रतिलिपि
अमित ने कहा कि अमर गुफा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दशहरा मैदान बलौदा बाजार में जनसभा का आवेदन किए हैं, लेकिन 1142 पन्नों के आरोप पत्र में कहीं पर भी आवेदन की प्रतिलिपि नहीं है, क्योंकि इस कार्यक्रम का आवेदन भाजपा के वर्तमान जिला अध्यक्ष सनम जांगड़े ने दिया था. जांच दल सिर्फ सरकार के विरोधियों को टारगेट की है. 10 जून 2024 को पुलिस उपमहानिरीक्षक के जारी बंदोबस्त आदेश के अनुसार, 10 स्थानों में बैरिकेडिंग की व्यवस्था दर्शाया है, जबकि केवल चक्रपाणि स्कूल चौराहा और अनुसूचित जाति हॉस्टल के सामने ही हल्की-फुल्की बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी.
पुलिस ने दशहरा मैदान से कलेक्ट्रेट तक 34 सीसीटीवी कैमरे बताया गया है, लेकिन आरोप पत्र में 10 गायब, टूटे हुए और 18 को बंद बताया है. मात्र दो कैमरों से के 9 घंटे की सीसीटीवी फुटेज को आरोप पत्र में दिया है. आरोप पत्र में 9 पुलिस कर्मियों को चोटिल होना बताया गया है, लेकिन उनकी मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट है कि यह चोट जानलेवा धारा 307 आईपीसी की परिभाषा में नहीं आती है.
कई गुना बढ़ाकर दिखाई गई क्षति
अमित जोगी ने कहा कि आरोप पत्र से स्पष्ट होता है कि लगभग 1 करोड़ रुपये की वाहनों की क्षति, जिसमें 28 मोटरसाइकिल, 02 फायर ब्रिगेड, 02 शासकीय वाहन सम्मिलित है और कलेक्ट्रेट और एसपी संयुक्त कार्यालय में लगभग 2 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है, जबकि पुलिस द्वारा प्रकरण की विवेचना में इससे कई गुना ज्यादा राशि खर्च की जा चुकी है.
पुलिस के गवाह पर दर्ज है गंभीर अपराध
अमित जोगी ने बताया कि आरोप पत्र 186 आरोपी की मात्र 06 गैर-शासकीय गवाहों के द्वारा तहसीलदार के समक्ष शिनाख्त की गई है. इन 6 गवाहों में से 2 गवाह पॉक्सो जैसे संगीन जुर्म में आज भी जेल में हैं. शेष 4 गवाह भी सिटी कोतवाली थाने में आदतन अपराधी की सूची में शामिल हैं. साथ ही तथाकथित हथियारों की बरामदगी के गवाह भी यही 6 आदतन अपराधी ही हैं.
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