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Ambikapur Amera Coal Mines: अमेरा कोल खदान को लेकर बवाल, अब बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात, जानिए पूरा मामला

Amera Coal Mines: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ने कहा कि आज बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. अन्य जिलों से भी पुलिस बल मंगाया गया. सीमांकन की गई जमीन से आज कोयला उत्खनन करने की SECL प्रबंधन ने कार्रवाई शुरू की है.

Ambikapur Amera Coal Mines: अमेरा कोल खदान को लेकर बवाल, अब बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात, जानिए पूरा मामला
Ambikapur Amera Coal Mines: अमेरा कोल खदान को लेकर बवाल, अब बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात, जानिए पूरा मामला

Ambikapur Amera Coal Mines: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में लखनपुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले SECL के अमेरा ओपेन कास्ट कोयला खदान विस्तार को लेकर 3 दिसंबर 2025 को ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन के बीच जोरदार झड़प हो गई. देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों ओर से जमकर पत्थरबाज़ी शुरू हो गई, जिससे दर्जनों पुलिस के जवान और ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए. आज सरगुजा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ने कहा कि आज बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. अन्य जिलों से भी पुलिस बल मंगाया गया. सीमांकन की गई जमीन से आज कोयला उत्खनन करने की SECL प्रबंधन ने कार्रवाई शुरू की है. जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और SECL प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. अधिग्रहण की गई जमीन को छावनी में तब्दील किया गया. भारी संख्या में पुलिस बल को देखते हुए आंदोलनकारी पास के गांव में मौजूद हैं.

क्या है मामला?

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में स्थित SECL की अमेरा ओपेन कास्ट कोयला खदान के विस्तार को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है, जो 3 दिसंबर 2025 को हिंसक रूप ले गया. खदान विस्तार का विरोध कर रहे ग्रामीण अचानक उग्र हो गए और लाठी-डंडों, कुल्हाड़ी और गुलेल से लैस होकर पुलिस बल पर हमला कर दिया.

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ग्रामीणों का क्या कहना है?

NDTV से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि जब 20 वर्ष पहले SECL द्वारा कोयला खदान खोला जा रहा था तब उन्हें मुआवजा देने के साथ-साथ प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया गया था. लेकिन अब SECL अपने वादे से पीछे हट रहा है, इसी कारण ग्रामीण खदान विस्तार का विरोध कर रहे हैं.

SECL ने क्या कहा?

वहीं इस मामले में SECL के सुरक्षा अधिकारी अमरेंद्र नारायण का कहना है कि भारत सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कर इसे कोयला खदान के लिए SECL को दिया गया है. लेकिन स्थानीय लोग ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर खदान कार्य रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं. कंपनी ने नियमों के अनुसार सब कुछ किया है. कुछ स्थानीय लोग बहला-फुसलाकर खदान कार्य रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

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