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Navy Day 2025: नौसेना हमारा समुद्री साहस; ऐसा है इतिहास, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वीरता को किया याद

Indian Navy Day 2025: नौसेना दिवस याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा सिर्फ सीमाओं पर खड़े जवान नहीं, समुद्र की लहरों पर तैनात नौसैनिक भी सुनिश्चित करते हैं. भारत एक महान समुद्री शक्ति बन चुका है और इसका श्रेय उन वीरों को जाता है, जो हजारों किलोमीटर दूर समुद्री अभियानों में तैनात रहते हैं.

Navy Day 2025: नौसेना हमारा समुद्री साहस; ऐसा है इतिहास, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वीरता को किया याद
Navy Day 2025: नौसेना हमारा समुद्री साहस; ऐसा है इतिहास, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वीरता को किया याद

Indian Navy Day 2025: जब भी हमारे देश की सुरक्षा की बात आती है, हम अपनी सेना के शौर्य की चर्चा करते हैं. देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने वाली भारतीय नौसेना, जिसके जवान समुद्र में दुश्मन से सामना करते हैं, जिनका युद्धक्षेत्र नीली लहरें हैं और जिनकी जीत राष्ट्र की समुद्री गरिमा है, उनकी कहानी हमेशा इतनी मुखर नहीं होती. हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाने वाला भारतीय नौसेना दिवस हमें उन अनसुने-अनदेखे नायकों की वीरता याद दिलाता है, जिनकी बदौलत भारत ने दुनिया को यह बताया कि हमारे समुद्र भी हमारी संप्रभुता का उतना ही अभिन्न हिस्सा हैं, जितनी हमारी धरती. इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित नेताओं ने शुभकामनाएं दी.

पहले जानिए कैसा रहा है इतिहास?

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 4 दिसंबर वह तारीख है, जिसने इतिहास की धारा बदल दी. मुंबई स्थित समुद्री कमांड ने पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के तहत ऐसा सटीक नौसैनिक हमला किया, जिसने दुश्मन की रीढ़ तोड़ दी. कई पाकिस्तानी युद्धपोत और ईंधन टैंक नष्ट हो गए. खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना का एक भी जहाज क्षतिग्रस्त नहीं हुआ.

यह दुनिया के इतिहास में पहली बार हुआ जब इतने बड़े नौसैनिक अड्डे पर इतने साहसी और सफल हमले को अंजाम दिया गया, वह भी बिना किसी हताहत के. इस विजय ने दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय नौसेना सिर्फ समुद्र की रखवाली नहीं करती, बल्कि जरूरत पड़ने पर वह समुद्र की लहरों को हथियार बना देती है.

आज बहुत कम लोग जानते हैं कि नौसेना दिवस का इतिहास आजादी से पहले ही शुरू हो चुका था. 21 अक्टूबर 1944 को रॉयल इंडियन नेवी ने पहली बार इसे मनाया था. इसका उद्देश्य जनता में नौसेना के बारे में जानकारी बढ़ाना और समुद्र सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना था.

उस वक्त विभिन्न बंदरगाह शहरों में परेड, प्रदर्शन और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. जनता का उत्साह इतना अधिक था कि यह समारोह हर साल बड़े पैमाने पर किया जाने लगा. इसके बाद, 1945 में नौसेना दिवस 1 दिसंबर को मनाया गया. आजादी के बाद समय के साथ यह 15 दिसंबर को मनाया जाने लगा और उसी सप्ताह को 'नौसेना सप्ताह' घोषित किया गया.

1971 की विजय ने भारतीय नौसेना की पहचान और जनता के बीच उसकी अहमियत को कई गुना बढ़ा दिया. मई 1972 में वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि अब नौसेना दिवस 4 दिसंबर को मनाया जाएगा, ताकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नौसेना की सफल कार्रवाइयों को याद किया जा सके.

इसके साथ ही 1 से 7 दिसंबर तक 'नौसेना सप्ताह' मनाने की परंपरा शुरू हुई. नौसेना दिवस याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा सिर्फ सीमाओं पर खड़े जवान नहीं, समुद्र की लहरों पर तैनात नौसैनिक भी सुनिश्चित करते हैं. भारत एक महान समुद्री शक्ति बन चुका है और इसका श्रेय उन वीरों को जाता है, जो हजारों किलोमीटर दूर समुद्री अभियानों में तैनात रहते हैं.

यह कहने में कोई शक नहीं है कि हमारा समुद्र शांत दिखता है, क्योंकि उस पर कोई भारतीय नौसैनिक पहरा दे रहा होता है.

अब जानिए किसने क्या कहा?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नौसेना दिवस के मौके पर सभी भारतीय नौसेना कर्मियों को बधाई देते हुए भारतीय नौसेना को अनुशासन, करुणा और जिम्मेदारी का प्रतीक बताया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “नौसेना दिवस पर भारतीय नौसेना के कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं! देश उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं को सलाम करता है जो साहस, सतर्कता और अटूट प्रतिबद्धता के साथ हमारी समुद्री सीमाओं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हैं. व्यापार मार्गों को सुरक्षित करने और ब्लू इकोनॉमी को मजबूत करने से लेकर मानवीय मिशनों का नेतृत्व करने तक, भारतीय नौसेना अनुशासन, करुणा और जिम्मेदारी का प्रतीक है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नौसेना दिवस के मौके पर सभी भारतीय नौसेना कर्मियों को बधाई दी और देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में नौसेना की बढ़ती आत्मनिर्भरता, पक्के इरादे और बहादुरी की तारीफ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को नौसेना दिवस की बधाई. हमारी नौसेना असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का दूसरा नाम है. वे हमारे तटों की रक्षा करते हैं और हमारे समुद्री हितों को बनाए रखते हैं. हाल के वर्षों में, हमारी नौसेना ने आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है. इससे हमारी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है.”

अमित शाह ने कहा कि भारतीय नौसेना हमारे गौरव का गढ़ है जो समुद्र पर खड़ी होकर अजेय वीरता के साथ देश को हर खतरे से बचाती है.  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर, मैं भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों और परिवारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. हिंद महासागर में सबसे बड़ी निवासी नौसैनिक शक्ति के रूप में, नौसेना वीरता, सतर्कता और आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ भारत के समुद्री हितों को बनाए रखना जारी रखती है और 'विकसित भारत' की दिशा में भारत की यात्रा का नेतृत्व करती है."

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