
Chhattisgarh Assembly Election : बालोद (Balod) जिले में मतदाता जागरूकता को लेकर कई तरह की अनोखी पहल की जा रही हैं. वर्तमान में त्योहारी सीजन पर जिला प्रशासन (Chhattisgarh Administration) की ओर से पर्व और त्योहारों के दौरान होने वाले प्रचलित नृत्य और संगीतों के माध्यम से लोगों को मतदान को लेकर लगातार जागरूक (Voters Awareness) किया जा रहा है. इस पूरे मामले में बालोद जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में निरंतर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है.
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सुआ गीत के माध्यम से लोगों को किया जागरूक
जागरूकता अभियान के अंतर्गत जिले में स्वीप गरबा महोत्सव, मतदाता जागरूकता रैली, नुक्कड़-नाटक की प्रस्तुति और दीवाल लेखन आदि विभिन्न प्रकार की गतिविधियां निरंतर आयोजित की जा रही हैं. हाल ही में गरबा के माध्यम से मतदाता जागरूकता को लेकर चर्चा में आए बालोद जिला प्रशासन ने सोमवार को बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के दल्लीराजहरा में महिलाओं की ओर से सुआ नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से मतदाताओं और आम नागरिकों को मतदाता जागरूकता का संदेश दिया.

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क्या है सुआ गीत?
इस दौरान महिलाओं की ओर से मतदाता जागरूकता पर आधारित सुमधुर सुआ गीत की प्रस्तुति देकर देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सभी प्रकार के निर्वाचनों में अनिवार्य रूप से मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की गई. दरअसल सुआ गीत छत्तीसगढ़ का लोकगीत है जिसे दीपावली के पूर्व से लेकर दीपावली के अंतिम दिवस तक महिलाओं की ओर से गाया जाता है. सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ का एक लोकनृत्य है और इसे केवल महिलाओं द्वारा किया जाता है.