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Online Fraud: यहां तो पूरा बैंक ही हैक हो गया, साइबर जालसाजों ने एक साथ उड़ा दिए इतने करोड़ रुपये

Online Frauds in India: सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक 17 जून को आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस शीट में करीब 3.61 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया था. इसके बाद आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन की जांच की, तो इसमें भी बैलेंस शीट में अंतर मिला. बैंक की अभी तक की जांच में 16 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है.

Online Fraud: यहां तो पूरा बैंक ही हैक हो गया, साइबर जालसाजों ने एक साथ उड़ा दिए इतने करोड़ रुपये

New Way of Cyber Fraud: साइबर ठगों (Cyber Thugs) ने लगातार ठगी कर देश की औद्योगिक नगरी नोएडा (NOIDA) में आतंक मचा रखा है. इस बार ठगों ने नोएडा में नैनीताल बैंक (Nainital Bank) के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम 89 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर ली. मामला सामने आने के बाद इन  साइबर जालसाजों के खिलाफ बैंक के आईटी विभाग के मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया है.  

बैंक ने साइबर पुलिस से की शिकायत

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर ठगों ने 89 अलग-अलग खातों में सर्वर को हैक कर रकम ट्रांसफर की है. इसके लिए पुलिस ने टीमों का गठन किया है और उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है. साइबर सेल के एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के मैनेजर ने  साइबर थाने में सूचना दी है कि बैंक का सर्वर हैक कर किसी अज्ञात व्यक्ति ने 16.50 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए हैं.

जांच में जुटी साइबर पुलिस

बैंक की शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
पुलिस ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए टीमों का गठन भी किया गया है. साक्ष्य संकलन करने के बाद आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि अभी तक की जांच में 89 खातों में पैसों को ट्रांसफर करने की बात सामने आई है. इसकी जांच की जारी है.

जालसाजी का ऐसे हुआ खुलासा

दरअसल, सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया है कि 17 जून को आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस शीट में करीब 3.61 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया था. इसके बाद आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन की जांच की. 18 जून को जब फिर से जांच की गई, तो इसमें भी बैलेंस शीट में अंतर मिला. बैंक की अभी तक जांच में 16 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है.

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गौरतलब है कि अभी तक साइबर ठग लोगों को अलग-अलग माध्यम से अपना निशाना बनाते आए थे. लेकिन, अब बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ से ज्यादा की रकम उड़ा लेना अपने आप में एक बड़ा मामला है. पुलिस टीम के लिए भी यह काफी बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

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