मध्य प्रदेश में खनिज खदानों की नीलामी की जा रही है. इस नीलामी प्रक्रिया के साथ ही मध्य प्रदेश ने इतिहास रच दिया है. खनिज से भरे बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, या फिर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और केरल की राज्य सरकारें जो काम 2015 के बाद से नहीं कर पाई हैं, उसमें मध्यप्रदेश ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
ये सारे राज्य 2015 के बाद से एक भी खनिज ब्लॉक की नीलामी नहीं कर पाये लेकिन मध्य प्रदेश ने रिकॉर्ड संख्या में 51 खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए निविदा आमंत्रण नोटिस (एनआईटी) जारी की है. यह किसी भी राज्य के एक ही किश्त में नीलामी के लिए अधिसूचित खनिज ब्लॉकों की सबसे अधिक संख्या है.
नीलामी के लिए 51 ब्लॉकों में महत्वपूर्ण खनिज हैं -
2015 में नीलामी व्यवस्था शुरू होने के बाद अलग-अलग प्रमुख खनिज भंडार वाले राज्यों ने 754 ब्लॉकों को नीलामी के लिए रखा था, जिनमें से 276 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है.
इन 51 ब्लॉकों में 14 खनिज शामिल हैं जिनमें ग्रेफाइट और वैनेडियम, प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स (पीजीई) जैसे रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिज तथा मैंगनीज, बॉक्साइट, चूना पत्थर, लौह अयस्क, बेस मेटल और सोना जैसे अन्य प्रमुख खनिज शामिल हैं. मध्य प्रदेश ने जिन 51 खनिज ब्लॉकों के लिए एनआईटी जारी की गई है, उनमें से 13 ब्लॉक खनन पट्टे के लिए और 38 ब्लॉक कंपोजिट लाइसेंस के लिए हैं.
मध्य प्रदेश खनिज ब्लॉक नीलामी के मामले में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भी राज्य सरकारों में सबसे आगे था, जिसने वित्तीय वर्ष के दौरान 29 ब्लॉकों की नीलामी की थी. 2015 में नीलामी व्यवस्था की शुरुआत के बाद से, मध्य प्रदेश ने 125 खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिए अधिसूचित किया है. इनमें से 46 की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है. इन 51 ब्लॉकों की अधिसूचना के साथ मध्य प्रदेश नीलामी के लिए अधिसूचित ब्लॉकों की सबसे अधिक संख्या वाले राज्य के रूप में भी उभरा है, जिससे कुल खनिज ब्लॉकों की संख्या 176 हो गई है.